
NATO Nuclear War Prepration: रूस-यूक्रेन युद्ध के बढ़ते तनाव के बीच अब एक नई चिंता उभरकर सामने आई है कि यह युद्ध न्यूक्लियर युद्ध में बदल सकता है। रूस ने हाल ही में अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया है और चेतावनी दी है कि यदि नाटो देश उसकी ओर परमाणु मिसाइलें दागते हैं, तो वह इसे पूरे नाटो संगठन पर हमला मानकर जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
इस बीच, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने का फैसला किया है। खबरें यह भी आ रही हैं कि अमेरिका यूक्रेन को न्यूक्लियर बम देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
जर्मनी ने नागरिक सुरक्षा को लेकर उठाए कदम
नाटो का सदस्य देश जर्मनी, जो पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से चिंतित है, अब अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने में जुटा है। जर्मन सरकार ने सार्वजनिक और निजी इमारतों को बंकरों में बदलने का एक प्लान तैयार किया है। इसके तहत, इमारतों के बेसमेंट, अंडरग्राउंड पार्किंग और मेट्रो स्टेशनों को सुरक्षित शेल्टर में तब्दील किया जाएगा। इसके साथ ही, जर्मन सरकार एक मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च करेगी, जो नागरिकों को आपात स्थिति में नजदीकी बंकर का पता बताएगी।
यूरोप में न्यूक्लियर खतरे को लेकर चिंता बढ़ी
रूस की नई परमाणु नीति और यूक्रेन को मिल रही पश्चिमी मदद के कारण यूरोप में तनाव और चिंता बढ़ गई है। रूस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि यूक्रेन के सहयोगी देशों ने उसकी ‘रेड लाइन’ पार की, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इससे यूरोपीय देशों, विशेष रूप से जर्मनी में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा महसूस किया जा रहा है। जर्मन सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बंकरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है, लेकिन देश की बढ़ती आबादी को देखते हुए यह उपाय अपर्याप्त महसूस हो रहे हैं।
अमेरिका भी कर रहा है न्यूक्लियर हमले की तैयारी
जर्मनी की तरह, अमेरिका भी न्यूक्लियर हमले की स्थिति में अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक कर रहा है। अमेरिका की फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (FEMA) ने न्यूक्लियर हमले के दौरान नागरिकों को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस गाइड में कहा गया है कि नागरिकों को किसी मजबूत इमारत के बेसमेंट या केंद्रीय कमरे में शरण लेनी चाहिए और खिड़कियों से दूर रहना चाहिए।
क्या यह भविष्य का खतरा है?
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया में तनाव का माहौल बन चुका है। यूरोप में न्यूक्लियर खतरे की आशंका लगातार बढ़ रही है। जर्मनी और अमेरिका जैसे नाटो देशों द्वारा उठाए गए सुरक्षा कदम यह संकेत देते हैं कि अगर युद्ध का दायरा और बढ़ता है, तो इसका असर न सिर्फ यूरोप, बल्कि पूरी दुनिया पर हो सकता है।
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