Trump Peace Talks: पुतिन की मांग पर ट्रंप राजी, लेकिन यूक्रेन के लिए क्या ये खतरे की घंटी?

Trump Peace Talks: पुतिन की मांग पर ट्रंप राजी, लेकिन यूक्रेन के लिए क्या ये खतरे की घंटी?

Russia-Ukraine War: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने से पहले ही दावा किया था कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त कर सकते हैं। अब वे इसी दिशा में कदम बढ़ाते नजर आ रहे हैं, लेकिन इसकी कीमत किसे चुकानी होगी, यह सवाल उठने लगा है।

ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे रूस की उस प्रमुख शर्त से सहमत हैं, जिसमें यूक्रेन को नाटो से बाहर रखने की मांग की गई है। उन्होंने कहा, "रूस लंबे समय से यही कह रहा है कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हो सकता और मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है।" ट्रंप का यह बयान तब आया जब उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक लंबी और महत्वपूर्ण फोन कॉल की। इस बातचीत के तुरंत बाद उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से भी चर्चा की।ट्रंप के इस रुख से स्पष्ट है कि वे युद्ध समाप्त करने के लिए सक्रिय कूटनीतिक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास किसके हित में होगा?

जेलेंस्की से बातचीत और आगे की रणनीति

ट्रंप और पुतिन की वार्ता के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने जेलेंस्की से भी लंबी बातचीत की। जेलेंस्की ने अपने देशवासियों को संबोधित करते हुए बताया कि उन्होंने अमेरिका के नए वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट से भी मुलाकात की, जो ट्रंप के निर्देश पर कीव पहुंचे थे।

जेलेंस्की ने कहा कि उनकी ट्रंप से विस्तृत और महत्वपूर्ण बातचीत हुई, जिसमें अमेरिका की रणनीति पर चर्चा की गई। हालांकि, ट्रंप की इस पहल के बाद यूक्रेन की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या है रूस की शर्तें?

रूस लंबे समय से इस शर्त पर अड़ा हुआ है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता लेने की अपनी योजना को पूरी तरह छोड़ देना चाहिए। पुतिन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही यूक्रेन औपचारिक रूप से नाटो में शामिल न होने की घोषणा करेगा, उसी क्षण युद्धविराम लागू कर दिया जाएगा और शांति वार्ता शुरू होगी।

रूस ने यह भी मांग रखी है कि यूक्रेन कुछ क्षेत्रों से अपनी सेना हटाए और कुछ भू-भाग पर रूस का कब्ज़ा स्वीकार करे। यदि ट्रंप इस दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो यह यूक्रेन के लिए एक कड़ी परीक्षा हो सकती है।

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