South Korea: अपने फैसले से पीछे हटे राष्ट्रपति यूं सुक-योल, कुर्सी के लिए खतरा बना मार्शल लॉ

South Korea: अपने फैसले से पीछे हटे राष्ट्रपति यूं सुक-योल, कुर्सी के लिए खतरा बना मार्शल लॉ

Martial Law Lifted in South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा कर दी। उनका कहना है कि मार्शल लॉ उत्तर कोरिया की ‘कम्युनिस्ट ताकतों’ और ‘राष्ट्रविरोधी तत्वों’ से सुरक्षा के लिए आवश्यक है। लेकिन उनके इस फैसले के बाद नेशनल असेंबली के 190 सदस्य ने मार्शल लॉ को हटाए जाने को लेकर वोट किया।

ऐसे में उनकी धुर विरोधी डेमोक्रेटिक पार्टी ने ही नहीं सत्तारूढ़ पार्टी के कई सदस्यों ने बगावती सुर अख्तियार किए हैं। कई इस्तीफे हो चुके हैं। अब खुद राष्ट्रपति पर भी महाभियोग की तलवार लटक रही है। देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन होने लगें हैं। संसद के सामने विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

वापस लिया मार्शल लॉ का फैसला

दक्षिण कोरिया की न्यूज एजेंसी योनहाप की मानें तो राष्ट्रपति यून सुक योल के चीफ ऑफ स्टाफ सहित कैबिनेट के कई शीर्ष सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट के 12 मंत्री इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। इस विरोध-प्रदर्शन को बढ़ता देख आखिरकार राष्ट्रपति को अपना फैसला वापस ही लेना पड़ा। उन्होंने कल देर रात मार्शल लॉ को वापस लेने का आदेश दे दिया। 

बता दें, मार्शल लॉ के फैसले का विरोध सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि उनके कैबिनेट के ही नेता इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल थे। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं। उनकी पार्टी पीपुल पावर पार्टी के बड़े नेता हान डोंग हून ने भी इस फैसले को गलत बताया हैं। ऐसे णें उन्होंने मुख्य विपक्षी नेता ली जे-म्यूंग से हाथ मिला लिया हैं। 

राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग

लेकिन राष्ट्रपति का ऐलान और फिर उस फैसले से यूटर्न उन्हीं पर ही भारी पड़ता नजर आ रहा है। दक्षिण कोरिया की विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति यू को अल्टीमेटम दिया है। विपक्षी पार्टी का कहना है कि अगर उन्होंने राष्ट्रपति पद से तुरंत इस्तीफा नहीं दिया तो उनके खिलाफ महाभियोग लाया जाएगा।

अगर नेशनल असेंबली में दो-तिहाई से ज्यादा सांसद इसके पक्ष में वोट करते हैं तो उनके खिलाफ महाभियोग चलाया जा सकता है। बता दें, नेशनल असेंबली में राष्ट्रपति की पीपुल पावर पार्टी के 300 में से 108 सांसद हैं।

क्या है मार्शल लॉ?

दरअसल, मार्शल लॉ एक अस्थायी आपातकालीन स्थिति है, जिसे किसी सरकार द्वारा देश में किसी तात्कालिक खतरे या सुरक्षा संकट के जवाब में लागू किया जाता है। मार्शल लॉ लागू होने पर नागरिक कामों का नियंत्रण संभालना और राज्य की सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी सेना कौ सौंप दी जाती है।

इसके तहत नागरिक स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध, कर्फ्यू, और कानून व्यवस्था के लिए सैन्य बलों की तैनाती की जाती है। बता दें, जब सरकार को बड़े पैमाने पर नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदाओं, या आक्रमण के खतरे का सामना करना पड़ता है, तब मार्शल लॉ लागू किया जाता है।

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