UP News: दीपावली से पहले उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ा झटका लगा। ऊर्जा विभाग के एक मनमाने फैसले ने हजारों गरीब परिवारों को निराश कर दिया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि नए बिजली कनेक्शन के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए 6016 रुपये जमा करना अनिवार्य होगा। बता दें कि केंद्र सरकार की RDSS योजना के तहत इन मीटरों को फ्री में लगाने का आदेश है। इसके बाद भी यूपी में बिना विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के इस वसूली को लागू कर दिया गया है। जिसकी वजह है कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार चाहकर भी बिजली कनेक्शन नहीं ले पा रहे हैं।
उपभोक्ता परिषद ने बताई नाइंसाफी
पहले जहां 1 किलोवाट कनेक्शन 1032 रुपये में मिल जाता था, अब उसी के लिए 6400 रुपये तक देना होगा, जिसमें 6016 रुपये का प्रीपेड मीटर शुल्क शामिल है। उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसे गरीबों के साथ सीधी नाइंसाफी बताया है। अवधेश वर्मा के अनुसार, ऊर्जा विभाग बिना नियामक आयोग की अनुमति के छह गुना अधिक मीटर शुल्क वसूल रहा है।
आंदोलन कर सकती है जनता
अवधेश वर्मा ने चेतावनी दी कि अगर ऊर्जा विभाग ने प्रीपेड मीटर के नाम पर यह अवैध वसूली नहीं रोकी तो उपभोक्ता परिषद आंदोलन पर उतर सकती है। ये फैसला पीएम, सीएम और ऊर्जा मंत्री के क्षेत्रों के गरीबों के साथ पूरे प्रदेश के गरीबों को प्रभावित कर रहा है और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। एबीपी न्यूज की पड़ताल में कई ऐसे परिवार उत्तर प्रदेश में मिले जिन्होंने पुराने दर पर कनेक्शन के लिए अप्लाई कर दिए थे लेकिन जब उनको पता चला की पहले की अपेक्षा लगभग 6 गुना रेट बढ़ गया है। उसके बाद फिलहाल उन्होंने कनेक्शन के लिए पैसे जुटाना शुरू कर दिया है, लेकिन दिवाली के पहले उनके घर में अंधेरा रह सकता है।
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