
MHA Order: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने लद्दाख को लेकर बड़ा फैसला लिया है। MHA ने लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर से मौजूदा डेलीगेटेड फाइनेंशियल पावर छीन ली हैं, जिनका इस्तेमाल अब भारत सरकार का गृह मंत्रालय करेगा। नई गाइडलाइंस के अनुसार, MHA के पास अब LG के पास पहले से मौजूद 100 करोड़ रुपये तक की स्कीम और प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की पावर होगी।
डेलीगेटेड पावर पर रोक
इसी तरह, एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी की 20 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की फाइनेंशियल पावर MHA को दे दी गई हैं। वहीं, चीफ इंजीनियर, डिपार्टमेंट हेड, जिसमें डिप्टी कमिश्नर और सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर शामिल हैं। इसे भी 3 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच के अलग-अलग काम को मंजूरी देने की डेलीगेटेड पावर का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया है।
शक्तियों में हुआ बदलाव
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने इस बारे में एक ऑर्डर जारी किया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड के तहत 100 करोड़ रुपये तक की स्कीम की मंजूरी जो पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास थी, अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है। लेफ्टिनेंट गवर्नर की 100 करोड़ रुपये तक की एडमिनिस्ट्रेटिव मंजूरी और खर्च और एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी की 20 करोड़ रुपये तक की मंजूरी देने की शक्तियों में भी बदलाव किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का ऑर्डर
ऑर्डर में कहा गया है कि प्रोजेक्ट्स/स्कीमों के अप्रेजल और अप्रूवल के सभी नए प्रपोजल जरूरी अप्रूवल के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को सबमिट किए जाएंगे। एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल और खर्च की मंजूरी सहित नए प्रोजेक्ट्स/स्कीमों के अप्रेजल के लिए MHA को सबमिट किए जाने वाले सभी प्रपोजल प्लानिंग डेवलपमेंट एंड मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट, लद्दाख के माध्यम से भेजे जाएंगे।
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