माइक वाल्ट्ज को ट्रंप ने बनाया NSA, भारत के प्रशंसक और चीन के कट्टर आलोचक की है पहचान

माइक वाल्ट्ज को ट्रंप ने बनाया NSA, भारत के प्रशंसक और चीन के कट्टर आलोचक की है पहचान

Mike Waltz Become NSA: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनते ही पूरी दुनिया की नजर उनके मंत्रिमंडल पर टिकी है। इस बीच ट्रंप ने एक फैसला लिया है, जिससे आने वाले समय में उनकी विदेश नीति कैसी रहेगी, वो आसानी से समझा जा सकता है। रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज को ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार बनाया है। वाल्ट्ज चीन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं, तो वहीं, वो भारत के समर्थक रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी डेमोक्रेट को बड़ी जीत मिली थी। ट्रंप अगले साल जनवरी में पदभार संभाल सकते हैं। लेकिन उससे पहले वो अपनी टीम बनाने में जुट गई है।

कौन हैं माइक वाल्ट्ज?

माइक वाल्ट्ज एक रिटायर्ड आर्मी नेशनल गार्ड रह चुके हैं। उन्होंने लंबे समय तक अफगानिस्तान में भी काम किया था। वो तालिबान के खिलाफ चल रहे युद्ध का भी हिस्सा रह चुके हैं। माइक वाल्ट्ज को ट्रंप ने तमाम राष्ट्रिय सुरक्षा संबंधित जानकारी देने का काम सौंपा गया है। वो रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में चल रही जंग पर पैनी नजर रखेंगे और सभी उससे जुड़ी जानकारियां ट्रंप तक पहुचाएंगे। इसके साथ ही वो रूस-उत्तर कोरिया और चीन के बीच बढ़ रही निकटता पर कड़ी नजर रखेंगे। बता दें, बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया था, जिसकी माइक वाल्ट्ज ने खूब आलोचना की थी।

भारते के समर्थक के रुप में रही पहचान

माइक वाल्ट्ज भारत और उनके लोगों के बड़े समर्थक रहे हैं। उनका भारतीय के प्रति जुड़ाव पिछले लंबे समय से है। माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के प्रमुख है। इंडिया कॉकस अमेरिकी सीनेट का हिस्सा है। इसकी स्थापना साल 2004 में तत्कालीन सिनेट हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी-भारतीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए किया था। हालांकि, माइक वाल्ट्ज चीन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं। उन्होंने 2022 में बीजिंग में आयोजित ओलंपिक में अमेरिकी टीम को ना शामिल होने की भी सलाह दी थी। जिसका कारण उन्होंने कोविड-19 और उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचारों को बताया था।  

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