“बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं”, विधानसभा सत्र के दौरान सपा पर बरसे CM योगी आदित्यनाथ

“बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं”, विधानसभा सत्र के दौरान सपा पर बरसे CM योगी आदित्यनाथ

Yogi Adityanath On Vidhansabha Session: उत्तर प्रदेश का विधानसभा सत्र मंगलवार से शुरु हो गया है। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले समाजवादी पार्टी ने जमकर नारेबाजी की। महाकुंभ हादसे को लेकर बजट सत्र में हंगामा होने की आशंका पहले से ही लगाई जा रही थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही। सपा विधायक अस्थि कलश और जंजीरों में बंध कर विधानसभा पहुंचे। विपक्ष के हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गुस्से में दिखे। उन्होंने सदन में कहा कि ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और बाकियों के बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। सीएम ने उर्दू और अन्य भाषा को लेकर विधानसभा में जोरदार भाषण दिया। सीएम योगी ने कहा कि भाषा की लड़ाई चल रही है। विपक्ष ने क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान किया। हमारी सरकार भोजपुरी के लिए बोर्ड बना रही है। अवधी के लिए बोर्ड बना रही है।

विपक्ष पर भड़के सीएम योगी

मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान सपा विधायकों पर सीएम योगी आदित्यनाथ जमकर भड़के। सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी भोजपुरी, बुंदेलखंडी और अवधी का विरोध क्यों कर रही है। यहीं सपा का ढोंग हैं। सपा के लोग दोहरे चरित्र वाले हैं। यह बड़ी विचित्र बात है समाजवादी पार्टी वाले उर्दू की वकालत कर रहे हैं। समाजवादियों का चरित्र इतना दोहरा हो चुका है कि यह अपने बच्चों को तो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भेजेंगे लेकिन आपके बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते। आपके बच्चे उर्दू पढ़ें ये उनको मौलवी बनाना चाहते हैं। सपा के नेता क्या देश को कठमुल्लापन की और ले जाना चाहते हैं यह नहीं चलने वाला है। 

राज्यपाल सदन छोड़ कर गईं!

सपा विधायकों के लगातार नारेबाजी करने के कारण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बीच में ही भाषण छोड़ कर सदन से बाहर चली गई।विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि उनके अभिभाषण में जो पढ़ा जा रहा था, समाजवादी पार्टी ने उसका विरोध किया। क्योंकि, उसमें झूठे आंकड़े दिए गए थे। मांग हो रही थी कि महाकुंभ की भगदड़ में जो मौतें हो रही हैं, उसके सही आंकड़ों को बताया जाए। राज्यपाल आधा भाषण छोड़कर चली गईं। हमें लगता है कि वे महाकुंभ में हुई घटनाओं से दुखी थीं, इसलिए उन्होंने पूरे भाषण को पढ़ा ही नहीं।

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