'चुनाव के बहिष्कार करने का फैसला अभी...' बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर कांग्रेस का बड़ा बयान

'चुनाव के बहिष्कार करने का फैसला अभी...' बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर कांग्रेस का बड़ा बयान

Bihar Voter List Revision: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नागरिकता एक अहम मुद्दा है, आपने इसे राजनीतिक रंग दे दिया और इसे छिपाने की कोशिश हो रही है। जबकि असली मुद्दा नागरिकता का ही है। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव बहिष्कार को लेकर इंडिया गठबंधन  नेअभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन सभी विकल्प खुले हैं।

वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि जब मुख्य चुनाव आयुक्त ने कार्यभार संभाला था, तब उन्होंने कहा था कि वह कोई भी फैसला सियासी दलों से सलाह के बिना नहीं लेंगे। मुझे लगता है कि पिछले 22 वर्षों में इससे बड़ा कोई निर्णय नहीं हुआ , लेकिन किसी भी राजनीतिक दल से कोई राय नहीं ली गई।

SIR पर क्यों हो रहा विवाद

बता दें कि 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना था। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता सूची में फर्जी, अयोग्य और दो जगहों पर पंजीकृत मतदाताओं को हटाने के उद्देश्य से पुनरीक्षण प्रक्रिया हो रही है। वहीं, विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि चुनाव आयोग इस विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए पिछले दरवाजे से लोगों की नागरिकता की जांच कर रहा है। साथ ही विपक्ष का आरोप है कि इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर लोगों से मतदान का अधिकार छिना जा सकता है।

हालांकि, चुनाव आयोग ने भरोसा दिया है कि अगर कोई व्यक्ति मतदाता सूची से बाहर हो जाए, तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि उसकी नागरिकता खत्म हो गई है। निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा है कि कानून और संविधान के तहत उसे यह अधिकार प्राप्त है कि वह नागरिकता से जुड़े दस्तावेज मांग सके, ताकि लोगों को मताधिकार मिल सके। 

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