दिल्ली यूनिवर्सिटी गर्ल्स हॉस्टल में शुद्ध शाकाहारी मेस को लेकर विवाद गहराया, जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली यूनिवर्सिटी गर्ल्स हॉस्टल में शुद्ध शाकाहारी मेस को लेकर विवाद गहराया, जानें क्या है पूरा मामला

Delhi News: राजधानी दिल्ली यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में शुद्ध शाकाहारी मेस को लेकर छात्रों और प्रशासन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। छात्राएं लगातार मांग कर रही हैं कि हॉस्टल परिसर में शुद्ध शाकाहारी भोजन व्यवस्था को मिक्स मेस सिस्टम से पूरी तरह अलग रखा जाए और दोनों व्यवस्थाओं के बीच उचित दूरी सुनिश्चित की जाए। शिकायतकर्ता छात्रा विजयता चौहान का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर बीते एक साल से यूनिवर्सिटी प्रशासन से कई स्तरों पर बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है। हालांकि यह मामला डीन स्टूडेंट वेलफेयर, प्रॉक्टर और डीन ऑफ कॉलेजेस तक भेज दिया गया है। लेकिन महीनों गुजर जाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।

छात्राओं का आरोप है कि जब कोई नतीजा नहीं निकला तो उन्होंने 12 मार्च और 21 मार्च 2025 को इस पूरे पत्राचार को कुलपति, डीयूटीए, यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय, दिल्ली सीएम, यूपी सीएम और डीयूएसयू तक भी भेजा। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। छात्र का कहना है कि अब कुछ ही सप्ताह में बाद नवरात्रि शुरू हो जाएंगे। ऐसे में ज्यादातर लड़कियां नवरात्रि का व्रत करती हैं और पवित्र दिनों में शुद्ध शाकाहारी भोजन खाना ही पसंद करते हैं लेकिन हर बार उन्हें उम्मीद होती है कि वेज नॉनवेज को लेकर खाना बनाने की किचन तक अलग होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता मजबूरी में छात्राओं को एक ही बर्तन में बना खाना ,खाना पड़ता है।

क्या है छात्राओं की मांग

फिलहाल, उनका कहना है कि यह केवल भोजन की व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि अस्मिता और स्वतंत्र विकल्प से जुड़ा संवेदनशील सवाल है। उनका आरोप है कि प्रशासन "समझौते की परंपरा" को ही आगे बढ़ा रहा है और इस तरह छात्रों की असली समस्याओं से मुंह मोड़ रहा है। अब देखना होगा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन इस लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर कब और क्या ठोस फैसला लेता है। फिलहाल, छात्राएं मांग कर रही हैं कि शुद्ध शाकाहारी मेस को मिक्स मेस सिस्टम से स्पष्ट रूप से अलग किया जाए और एक "हाइजेनिक व सुरक्षित वातावरण" सुनिश्चित किया जाए।

 

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