Pakistan की नापाक साजिशों में कबूतर दे रहे साथ, जानें उनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल

Pakistan की नापाक साजिशों में कबूतर दे रहे साथ, जानें उनका कैसे किया जाता है इस्तेमाल

Spy Pigeons: आपने कई बार अखबारों और खबरों में पढ़ा और सुना होगा कि बॉर्डर से उड़कर आए कबूतर के पंजे में कैमरा लगा हुआ था। इस कैमरे की मदद से पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत की जासूसी करता है और भारत की सैन्य ताकत और सीमा पर सेना की संख्या के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करता है।

कई बार ये जासूसी कबूतर सीमा के आसपास लगे कैमरों में कैद हुए हैं। साथ ही कई बार ये कबूतर दूर तक उड़ जाते हैं। जिनका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए हम आपके लिए जानकारी लेकर आए हैं कि कबूतरों के पैरों पर कैमरे कैसे लगाए जाते हैं और आप आसमान में उड़ रहे कबूतर की पहचान कैसे कर सकते हैं कि उस पर कोई जासूसी उपकरण लगाया गया है या नहीं।

जासूस कबूतर की खासियत?

कबूतरों के पास अद्भुत याददाश्त होती हैं, जिसके कारण वे जटिल मार्गों को याद रख सकते हैं और बार-बार उसी स्थान पर लौट सकते हैं। कबूतर भी अपने घर और मालिक के प्रति बहुत वफादार होते हैं, जिसके कारण वे सुरक्षित रूप से संदेश देने में सक्षम होते हैं।

जासूसी में कब से किया जा रहा है कबूतरों का इस्तेमाल?

कबूतरों के पैरों में कैमरे लगाकर जासूसी करने का चलन दूसरे विश्व युद्ध में शुरू हुआ, जब अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने एक ऐसा कैमरा विकसित किया, जिसे बैटरी की मदद से कबूतर के पैरों में बांधा जा सकता था और जब कबूतर उड़ता, तो इस दौरान की तस्वीरें खींची जाती थीं।

जासूस कबूतर की पहचान करना मुश्किल

जासूस कबूतर बहुत ऊंचाई पर उड़ते हैं और उन्हें पहचानना बहुत मुश्किल होता है। इसके अलावा जासूसी कबूतरों को भी प्रशिक्षित किया जाता है। ऐसे में आप उन्हें खाना खिलाकर नहीं पकड़ सकते। ऐसे कबूतरों को पकड़ने के लिए व्यापारिक लोगों की भी आवश्यकता होती है।

Leave a comment