‘स्थिति कहीं ज्यादा भयावह’, उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जमकर लगाई फटकार

‘स्थिति कहीं ज्यादा भयावह’, उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जमकर लगाई फटकार

Uttrakhand Fire: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उन्होंने जरूरत के अनुसार फंड राज्य सरकार को क्यों नहीं दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से फंड को सही इस्तेमाल नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। शीर्ष अदालत ने आलोचना की है कि वन विभाग के अधिकारियों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है और जवाब देने के लिए कहा है।

राज्य सरकार से पूछे सख्त सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार ने 9.23 करोड़ रुपए मंजूर किए थे, उनका इस्तेमाल गैर वन गतिविधियों में किया गया। केंद्र बाकी बची रकम करीब 6 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मुहैया कराए। शीर्ष अदालत ने कहा राज्य सरकार बताए कि वन विभाग में कितने पद खाली हैं? उन पर भर्ती कब तक होगी?हमने देखा है कि अव्वल तो राष्ट्रीय और राज्य के आपदा प्रबंधन कोश के बावजूद फंड नहीं मिला, कर्मचारी और वाहन नहीं मिले और आग बढ़ती रही। खाली पदों पर भर्ती को लेकर राज्य सरकार ने थोड़ी रियायत चाही।

स्थिति कहीं ज्यादा भयावह

उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि आपने आग से निपटने के लिए 10 करोड़ रुपए की योजनाएं बनाईं और मंजूर कीं, लेकिन सिर्फ 3 करोड़ रुपए ही क्यों खर्च किए, राज्य के जंगलों में आग के बावजूद सरकार ने वहां लगे कर्मचारियों को चुनाव में क्यों लगाया?उन्होंने कहा, आपने हमें जो आपने तस्वीर दिखाई है, स्थिति कहीं ज्यादा भयावह दिख रही है। जिस पर सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम जैव ईंधन के उपयोग को अनिवार्य बना रहे हैं।

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