
Nishikant Dubey On Congress: कांग्रेस बीते कई दिनों से केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रही है। हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि अमेरिका ने अपने आर्मी डे परेड में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को आमंत्रित किया है। इसे लेकर कांग्रेस ने भारत की विदेश नीति को पूरी तरह से असफल बता दिया था। अब भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली और पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया
फलस्तीन मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को दिखाया आईना
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर फलस्तीन का समर्थन न करने का आरोप लगाया था और भारत की विदेश नीति की तीखी आलोचना की थी। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने लिखा कि '1948में इस्राइल और फलस्तीन दो देश बन गए। 1948में नेहरू जी ने संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन का समर्थन किया और इस्राइल का विरोध किया, लेकिन 1950में नेहरू जी ने गुप्त तरीके से मुंबई में इस्राइल का व्यापार कार्यालय मिशन खोल लिया। 1953में मुंबई में इस्राइल का महावाणिज्य दूतावास खोला गया। 1971में पाकिस्तान के साथ युद्ध में हमने इस्राइली हथियारों का इस्तेमाल किया और मोसाद ने तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल जैकब के साथ मिलकर पाकिस्तान पर हमले की योजना भी बनाई थी।'
'नेहरू परिवार की गलतियों का खामियाजा भुगत रहा देश'
भाजपा नेता ने कहा कि '1992 में दिल्ली में पहला इस्राइली दूतावास खोला गया। 1996 में आखिरकार भारत में फलस्तीन का कार्यालय खुला। 1948 से लेकर 2014 तक, जब तक उनकी सरकार सत्ता में रही, 50 से ज़्यादा बार हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस्राइल का समर्थन किया या फिर हम मतदान से दूर रहे। आज जब आप फलस्तीन की बात करते हैं, तो क्या आपको लगता है कि हम हमास का समर्थन करेंगे? भारत फलस्तीन के नागरिकों के साथ है, हमने उन्हें 2020 से अब तक लगभग 20 करोड़ रुपये की सहायता दी है। इस बजट में भी हमने फलस्तीन के लिए 3.9 करोड़ रुखे हैं।' दुबे ने कहा कि 'कांग्रेस की पूरी विदेश नीति केवल नेहरू-परिवार केंद्रित थी, जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है।
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