
World Boxing Cup 2025:भारतीय मुक्केबाज मीनाक्षी हुड्डा ने आज विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स 2025 में महिलाओं के 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। उन्होंने फाइनल मुकाबले में उज्बेकिस्तान की फरजोना फोजिलोवा को सर्वसम्मति से हराया, जिससे भारत को इस टूर्नामेंट में पहला गोल्ड मिला। यह जीत मीनाक्षी की कड़ी मेहनत और रणनीतिक खेल का रिजल्ट थी, जहां उन्होंने पूरे मैच में आक्रामक रुख अपनाया और जीत हासिल की।
मीनाक्षी हुड्डा का शानदार प्रदर्शन
बता दें, ग्रेटर नोएडा में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप का फाइनल मैच खेला गया। मीनाक्षी ने शुरू से ही फोजिलोवा पर दबाव बनाए रखा। पहले राउंड में उन्होंने तेज पंचों से अंक जुटाए, जबकि दूसरे और तीसरे राउंड में रक्षात्मक रणनीति अपनाते हुए सामने वाले के हमलों को नाकाम किया। जजों ने सर्वसम्मति से फैसला मीनाक्षी के पक्ष में दिया, जिससे स्टेडियम में भारतीय समर्थकों का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
यह जीत न केवल मीनाक्षी की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय महिला मुक्केबाजी के लिए एक मील का पत्थर भी साबित हुई। टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा। मीनाक्षी के अलावा जैस्मीन लांबोरिया ने 57 किग्रा वर्ग में भी गोल्ड जीता, जिससे भारत कुल दो गोल्ड के साथ तीसरे स्थान पर रहा। अन्य देशों में उज्बेकिस्तान और चीन जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन भारतीय मुक्केबाजों ने मजबूत चुनौती पेश की।
कौन हैं मीनाक्षी हुड्डा?
हरियाणा की रहने वाली 24 वर्षीय मीनाक्षी हुड्डा ने मुक्केबाजी में अपनी यात्रा 2023 से तेज की, जब उन्होंने राष्ट्रीय खिताब जीता। 2024 में उन्होंने फिर राष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल की और एलोर्डा कप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पहले 52 किग्रा वर्ग में खेलने वाली मीनाक्षी ने 2025 में 48 किग्रा में उतरने का फैसला लिया, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ। वह मौजूदा विश्व चैंपियन भी हैं और लिवरपूल विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं।
इस शानदार जीत के बाद मीनाक्षी हुड्डा ने कहा कि यह जीत उनके कोच, परिवार और देशवासियों की वजह से संभव हुई। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट के लिए वह बहुत ही ज्यादा उत्साहित थी, चूंकि यह मैच भारत में हो रहा था, ऐसे में उनका जीत हासिल करना बहुत जरूरी था। इसलिए उन्होंने ठान लिया कि वह अपनी पूरी कोशिश करेंगी और टूर्नामेंट जीतकर देश को नाम रोशन करेंगी। और आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। भारतीय मुक्केबाजी संघ ने उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी और भविष्य में ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई।
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