
Mossad Agents Arrested In Iran: 12 दिनों तक चले भीषण युद्ध के बाद ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान हो गया है। दोनों ओर से हमले को रोक दिया गया है। लेकिन ईरान के अंदर कथित इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जासूसों को चिन्हित करके फांसी दी जा रही है। बुधवार को तीन जासूसों को फांसी दी गई। इनपर आरोप था कि ये इजरायल के खिलाफ जासूसी और हत्या की साजिश रच रहे थे। रॉयटर्स के मुताबिक, इदरीस अली, आज़ाद शोजाई और रसूल अहमद रसूल ने हत्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हथियारों को ईरान में लाने की कोशिश की गई। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में सुनवाई के बाद फांसी की सजा दी गई। जानकारी के अनुसार, तीनों ही दोषी को बुधवार को उरमिया शहर में अहले सुबह फांसी दे दी गई।
12 दिनों में 700 जासूस गिरफ्तार
फांसी से पहले तीनों जासूसों की नीली कपड़ों में एक तस्वीर भी सामने आई की। ये पहली बार नहीं है जब ईरान में जासूसों को फांसी पर चढ़ाया गया है। इससे पहले भी कई दफा जासूसों को फांसी की सजा दी गई है। ईजरायल के खिलाफ 12 दिनों से युद्ध लड़ रहे इरान ने अपने देश में करीब 700 जासूसों को गिरफ्तार किया है। ये सभी गिरफ्तारी महज 12 दिनों में की गई है। इन सभी पर इजरायल के लिए काम करने का आरोप लगा है। साथ ही इनपर गुप्त जानकारियां साझा करना और सैन्य ठिकाने की जानकारी इजरायल को भेजने का आरोप था। ईरान के अनुसार, अभी भी कई गिरफ्तार जासूस से पूछताछ कर चल रही है, आने वाले दिनों में उन सभी को भी फांसी पर लटकाया जाएगा। ये तमाम जानकारी राज्य-समर्थित मीडिया एजेंसी 'नूर न्यूज' ने दी है।
ईरान के खिलाफ मोसाद का बड़ा मिशन
12 दिनों तक चले ईरान-इजरायल युद्ध में मोसाद ने अहम भूमिका निभाई। युद्ध शुरु होने के दो दिनों के अंदर ही इजरायली वायु सेना ने ईरान के आकाश को अपने कब्जे में ले लिया था। ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि मोसाद ने पहले ही ईरान के तमाम एयर डिफेंस सिस्टम की लोकेशन इजरायल को भेज दी थी। जिसके मदद से इजरायली फाइटर जेट्स ने ईरानी रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को धवस्त कर दिया। साथ ही मोसाद के जासूसों ने ईरान के कईमहत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की जानकारी भी IDFको मुहौया करवाई थी। इस युद्ध में ईरानी सेना के 20 से अधिक टॉप कमांडर मारे गए। माना जा रहा है इसके पीछे भी मोसाद का ही इंटेलिजेंस था।
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