
WORLD NEWS: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को डेढ़ साल से भी ज्यादा हो गया है। तक इस युद्ध मे सैकड़ो लोगों की जान चली गई है। साथ ही दोनों देशों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बीच युद्ध के बढ़ते खतरे को देखते हुए NATO ने अंडरसी बिछी पाइप लाइनों और केबलों की सुरक्षा के लिए एक नया सेंटर शुरू कर दिया है।
दरअसल सितंबर में अंडरसी दो बाल्टिक समुद्री गैस पाइपलाइन पर एक हमले के बाद NATO को इस सेंटर को शुरू करना पड़ा है। नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइनों पर हुए संदिग्ध हमले की अभी भू जांच की जा रही है। इन पाइपलाइनों को रूसी प्राकृतिक गैस को जर्मनी ले जाने के लिए बनाया गया था। आधिकारिक तौर पर किसी को दोष नहीं दिया गया है। लेकिन NATO ने तब से बाल्टिक और समुद्र के उत्तरी हिस्सों में दर्जनों जहाजों के साथ-साथ समुद्री गश्ती विमान और ड्रोन जैसे अंदर से उपकरणों की मौजूदगी बढ़ा दी है।
वहीं लेफ्टिनेंट जनरल हंस-वर्नर वायरमैनने कहा, "खतरा अभी विकसित हो रहा है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "रूसी जहाजों ने सक्रिय रूप से हमारे महत्वपूर्ण समुद्र के अंदर बने इंफ्रास्ट्रक्चर को मैप किया है। इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि रूस पश्चिमी इंफ्रास्ट्रक्चर और जल-जीवन को बाधित करने के प्रयास कर सकता है। इसके साथ ही वह हमारे अंडरसी बिछाए गए केबल और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को निशाना बना सकता है।
बता दें कि हंस-वर्नर एक स्पेशल सेल फोकस्ड ऑन दी चैलेंज के प्रमुख हैं। के बताने पर नाटो के रक्षा मंत्रियों ने उत्तर-पश्चिम लंदन के नॉर्थवुड में स्थित नए केंद्र के लिए हरी झंडी दी।
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