
Indoor Air Pollution: सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ लोग घर के अंदर रहकर खुद को सुरक्षित मानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि घर की हवा भी बाहर की तरह जहरीली हो सकती है? हाल के अध्ययनों से पता चला है कि घर के अंदर की हवा बाहर से 2से 5गुना ज्यादा प्रदूषित हो सकती है। डॉक्टर और विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कारण खराब वेंटिलेशन और रोजमर्रा की गतिविधियां हैं।
घर के अंदर की हवा क्यों हो जाती है जहरीली?
बाहर का प्रदूषण घर में घुस जाता है, लेकिन घर के अंदर की हवा और ज्यादा खराब हो जाती है क्योंकि प्रदूषक जमा हो जाते हैं। इसका एक कारण खराब वेंटिलेशन से जुड़ा हुआ है। आधुनिक घरों में क्रॉस वेंटिलेशन की कमी होती है, जिससे PM2.5, PM10, कार्बन मोनोऑक्साइड, VOCs जैसे प्रदूषक अंदर फंस जाते हैं। सर्दियों में खिड़कियां बंद रखने से समस्या बढ़ जाती है।
इसके अलावा खाना बनाते समय निकलने वाला धुआं, अगरबत्ती, मॉस्किटो कॉइल, सफाई के केमिकल्स और कचरा से निकलने वाली गैसें हवा को दूषित करती हैं। सर्दी, त्योहारों में पटाखे, पराली जलाना और कचरा डंप से मीथेन गैस घरों में रिसती है। अध्ययन बताते हैं कि लोग 90%समय घर में बिताते हैं, इसलिए जोखिम ज्यादा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया खतरा कहां?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि घर की हवा बाहर से ज्यादा खतरनाक हो सकती है क्योंकि प्रदूषक जमा होकर फेफड़ों, दिल, दिमाग और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चों में यह ज्यादा असर करता है क्योंकि उनके फेफड़े विकसित हो रहे होते हैं। PM2.5जैसे कण गहरे तक पहुंचकर अस्थमा, COPD, हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। महिलाएं और शिशु ज्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि वे घर में ज्यादा समय बिताते हैं और खाना बनाते समय धुएं के संपर्क में आते हैं।
हालिया इंडोर एयर इंडेक्स (IAQ) से पता चला है कि भारतीय घरों में प्रदूषण का स्तर बाहर से ज्यादा है, जो जलवायु, सांस्कृतिक आदतों और भवन डिजाइन पर आधारित है। कई डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि एयर प्यूरीफायर अगर ठीक से मेंटेन न किए जाएं तो वही हवा रिसाइकल करते रहते हैं, जिससे समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि प्रदूषण सिर्फ सर्दी का नहीं, साल भर का मुद्दा है।
घर की हवा को कैसे सुधारे?
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