Solar Eclipse 2025: साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को लगने वाला है। खास बात यह है कि यह ग्रहण हिंदू पंचांग के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन पड़ेगा, जिससे इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हुई थी और अब इसका समापन सूर्य ग्रहण से हो रहा है।
यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। भारतीय समयानुसार, सूर्य ग्रहण की शुरुआत रात 11 बजे से होगी और इसका समापन देर रात 3 बजकर 23 मिनट पर होगा, यानी इसकी कुल अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
भारत में क्यों नहीं लगेगा सूतक?
इस खगोलीय घटना को लेकर सबसे अहम सवाल यह है कि क्या यह भारत में दिखाई देगा? जवाब है – नहीं। यह सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, श्रीलंका, यूएई समेत अन्य एशियाई देशों में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा और धार्मिक कार्य जैसे श्राद्ध व नवरात्रि की तैयारियों में कोई बाधा नहीं आएगी। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल तभी प्रभावी होता है जब ग्रहण उस स्थान से दिखाई दे।
कहां-कहां देखा जा सकेगा यह ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, पश्चिमी अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। क्राइस्टचर्च, ऑकलैंड, वेलिंग्टन और नॉरफॉक द्वीप जैसे शहरों में यह आंशिक रूप से नजर आएगा। वहीं, सिडनी और होबार्ट जैसे ऑस्ट्रेलियाई शहर भी इसकी झलक देख सकेंगे। अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में यह ग्रहण नहीं दिखेगा।
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