Annkut Benefits For Health: दिवाली की चमक-दमक के ठीक बाद गोवर्धन पूजा का पावन पर्व आता है, जो न केवल भगवान श्रीकृष्ण की लीला का प्रतीकहै, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त करता है। इस दिन 'अन्नकूट' का प्रसाद बनाया जाता है। 'अन्नकूट' शब्द का अर्थ है 'अन्न का पहाड़', जिसमें मौसमी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और अन्य पौष्टिक सामग्री मिलाकर एक स्वादिष्ट मिश्रित व्यंजन तैयार किया जाता है। मथुरा-वृंदावन जैसे क्षेत्रों में यह प्रसाद मंदिरों में हजारों भक्तों को वितरित किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह धार्मिक भोग सेहत के लिए भी एक वरदान है? अन्नकूट का सेवन बदलते मौसम में इम्यूनिटी बढ़ाने और पाचन को मजबूत करने के लिए एकदम फिट है। तो आइए अन्नकूट से सेहत पर पड़ने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
अन्नकूट क्या है?
गोवर्धन पूजा की कथा भगवत पुराण से जुड़ी है, जहां बालकृष्ण ने इंद्र के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा यानी हाथ की सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया था। इसकी स्मृति में अन्नकूट बनाया जाता है, जिसमें 56 (या कभी-कभी 108) प्रकार के व्यंजन शामिल हो सकते हैं। मुख्य रूप से यह बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी, पूरी, मिक्स सब्जी (जिसमें हरी मिर्च, मेथी, बैंगन, गाजर, मूली, टिंडा, अरबी, भिंडी, परवल, शिमला मिर्च, लौकी, कच्चा केला, सैंगरी, सेम, फूलगोभी, कद्दू, टमाटर, बाजरा, राजमा, काला चना आदि डाले जाते हैं) से बनता है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि पोषण का खजाना भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अन्नकूट सिजनल प्रोड्यूस पर आधारित होने से न्यूट्रिएंट-रिच होता है।
अन्नकूट के स्वास्थ्य फायदे
हाल के अध्ययनों और विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक, अन्नकूट का सेवन दीवाली के भारी भोजन के बाद डिटॉक्सिफिकेशन का काम करता है। यह व्यंजन साबुत अनाज और सब्जियों से भरपूर होने के कारण विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन सोर्स है।
कैसे बनाएं घर पर हेल्दी अन्नकूट?
घर पर अन्नकूट बनाना आसान है। बाजार से मौसमी सब्जियां लें, उन्हें धोकर काटें। एक पैन में घी गर्म करें, जीरा-हल्दी डालें, सब्जियां मिलाएं। नमक, मिर्च, गरम मसाला डालकर 10-15 मिनट पकाएं। बाजरा या चावल अलग से बनाकर मिक्स करें। कढ़ी के साथ सर्व करें। एक्सपर्ट टिप: ज्यादा तेल न डालें, ताकि हेल्थ बेनिफिट्स बरकरार रहें।
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