खड़गे के बयान पर RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का करारा जवाब, कहा- संघ अपने विचारों पर अडिग रहेगा…

खड़गे के बयान पर RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का करारा जवाब, कहा- संघ अपने विचारों पर अडिग रहेगा…

RSS News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने जबलपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव 2025को लेकर जनता से खास अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राजनीतिक रूप से सजग राज्य में हर नागरिक का वोट देना लोकतंत्र की मज़बूती के लिए बेहद जरूरी है। होसबाले ने कहा, “अधिक मतदान से लोकतंत्र मजबूत बनता है, और इस बार बिहार को उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए कि जनता कितनी जागरूक है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता, बल्कि समाज में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने का कार्य करता है।

अपने संबोधन में दत्तात्रेय होसबाले ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा, अस्थिरता और वैमनस्य का माहौल देश के हित में नहीं है। होसबाले ने कहा, “यह राजनीति नहीं, समाज को तोड़ने का प्रयास है। बंगाल की धरती पर शांति और संवाद की जरूरत है, ताकि समाज के भीतर की दरारें न बढ़ें।” संघ का मानना है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बावजूद सामाजिक एकता और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होने चाहिए।

कांग्रेस पर पलटवार: “RSS पर रोक की धमकियां नई नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा RSS पर प्रतिबंध लगाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए होसबाले ने कहा कि ऐसी कोशिशें पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन संघ हर बार और मजबूत होकर उभरा है। उन्होंने कहा, “संघ समाज के लिए काम करता है, राजनीति के लिए नहीं। हम अपने विचारों पर अडिग रहेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि RSS का मूल लक्ष्य राष्ट्र निर्माण है, न कि सत्ता की राजनीति।

शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स और धर्मांतरण पर चिंता

होसबाले ने देश के IITs और स्कूलों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस खतरे से बचाने के लिए संघ सामाजिक संगठनों और अभिभावकों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाएगा। साथ ही, उन्होंने देश में बढ़ रहे धर्मांतरण के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि संघ “घर वापसी” के माध्यम से उन लोगों को उनके मूल धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रहा है, जिन्हें छल या लालच से बदला गया। होसबाले ने अंत में कहा कि संघ की भूमिका राजनीति से परे — समाज, संस्कृति और राष्ट्र के पुनर्निर्माण की है।

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