पूरन कुमार सुसाइड केस में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज

पूरन कुमार सुसाइड केस में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज

Puran Kumar Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी जान देने से एक दिन पहले 6 अक्टूबर, 2025 को अपनी वसीयत तैयार की थी और 9 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था, जिसे उन्होंने सरकारी विदेश दौरे पर गई अपनी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार को मोबाइल पर भेज दिया था। इस नोट को देखने के बाद जापान से ही उनकी पत्नी ने उन्हे 15 बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया था।  

पत्नी के नाम की सारी संपत्ती

मरने से पहले पूरन कुमार ने जो वसीयत तैयार की थी. जिसमें उन्होंने सभी चल-अचल संपत्तियों की मालकिन अपनी पत्नी अमनीत पी. कुमार को बनाया है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरी मौत के बाद सभी संपत्ति पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम पर होगी। उन्होंने सुसाइड नोट के आखिरी पन्ने पर संपत्ति का जिक्र किया। इसमें एचडीएफसी के सेविंग अकाउंट के पैसे, इस अकाउंट से जुड़े शेयर, मोहाली में प्लॉच, यूनिवर्सल बिजनेस पार्क गुरुग्राम में ऑफिस स्पेस, चंडीगढ़ के सेक्टर 11A में मकान में 25 हिस्सेदारी की मालकिन उनकी पत्नी होगीं। उन्होंने उस वसीयत में ये भी लिखा कि इन संपत्तियों की जानकारी पहले ही वार्षिक संपत्ति घोषणा पत्र में दर्ज है।  

12 पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज  

इस खुदकुशी के मामले में आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर समेत 12 अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में 13 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिखे थे, जिनमें हरियाणा के डीजीपी, रोहतक के एसएसपी समेत कई आईपीएस और आईएएस अधिकारी शामिल हैं।

आईपीएस ने लगाए ये आरोप

पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में इन अफसरों पर जातिगत मानसिक उत्पीड़न, भेदभाव और करियर में बाधा डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने ये भी लिखा था कि उन्हें लगातार अपमानित किया गया, पदोन्नति और वेतन लाभों से वंचित रखा गया और झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रची गई। 

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