
OM Birla Advices Akhilesh Yadav: संसद के मानसून सत्र में 28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर चर्चा हो रही है लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा। जैसी ही चर्चा की बात शुरू होती है वैसे ही विपक्ष बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग कर रहा था। इसी बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विरक्ष के रवैए पर सवाल खड़े किए।
ओम बिरला ने अखिलेश यादव से कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में नेताओं को सोच समझकर भेजा करें। वहां बात कुछ और करते हैं और सदन में रवैया कुछ और रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में भेजें जिसमें निर्णय लेने की क्षमता हो। बिजनेस एडवाइजरी की बैठक में आपने क्यों नहीं कहा कि हम SIR पर पहले चर्चा करना चाहते हैं। क्यों कहा ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहते हैं।
SIR पर चर्चा नहीं चाहती सरकार: कांग्रेस
वहीं, विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हमने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार से अपील की थी और विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इस देश के लिए SIR सबसे अहम मुद्दा है। हर भारतीय नागरिक इस बात को लेकर चिंतित है कि कब उनका नाम मतदाता सूची से कट जाएगा। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद SIR पर चर्चा होनी चाहिए।
सरकार ने विपक्ष पर लगाए आरोप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्षी नेताओं ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया था लेकिन, चर्चा शुरू होने से ठीक 10 मिनट पहले वे एक नई मांग लेकर आ गए। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष का जो रवैया रहा है वह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी और उनके मित्र विपक्षी दल, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर चर्चा करने से भाग रहे हैं। यह निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण और नकारात्मक मानसिकता का एक प्रमाण है।
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