Vice President CP Radhakrishnan: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु से सांसद सीपी राधाकृष्णन को 2025 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया है। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कार्यकाल सितंबर 2025 में समाप्त हो रहा है, और राधाकृष्णन को एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुना गया। राधाकृष्णन, जो 72 वर्ष के हैं, कोटा से चार बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और पार्टी के अनुशासन समिति के सदस्य हैं। अब उपराष्ट्रपति बनने के साथ उन्हें संवैधानिक पद की गरिमा के अनुरूप भव्य सुविधाएं और वित्तीय लाभ मिलेंगे।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 24 फरवरी 1953 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ था। वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं और बीजेपी के दक्षिण भारत में प्रमुख चेहरों में से एक हैं। 1980 के दशक से सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1998, 1999, 2004 और 2009 में कोटा से लोकसभा चुनाव जीता। 2022 में राज्यसभा सदस्य बने और उसी साल उपसभापति चुने गए। वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्हें एनडीए का समर्थन मिला। राधाकृष्णन को दक्षिणी राज्यों में बीजेपी को मजबूत करने का श्रेय जाता है।
उपराष्ट्रपति को मिलने वाली सैलरी और भत्ते
बता दें, भारत के उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के समकक्ष सुविधाएं मिलती हैं, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 97 में वर्णित है। सैलरी के मामले में, उन्हें मासिक वेतन 4 लाख रुपये मिलेगा। यह राशि 2018 के वेतन समिति के अनुसार निर्धारित है, जिसमें बेसिक पे 50,000 रुपये, महंगाई भत्ता (डीए) और अन्य भत्ते शामिल हैं। यानी कुल मिलाकर उपराष्ट्रपति की सालाना सैलरी लगभग 48 लाख रुपये के आसपास होती है।
उपराष्ट्रपति को मासिक भत्ते के तौर पर 45,000 रुपये का आवास भत्ता (अगर सरकारी बंगला न लें), 60,000 रुपये का कार्यालय व्यय भत्ता, और 15,000 रुपये का यात्रा भत्ता मिलता है। साथ ही, कार्यकाल समाप्ति के बाद आजीवन मासिक पेंशन 25,000 रुपये, जो बढ़ोतरी के साथ समायोजित होती है। इसके अलावा : चिकित्सा सुविधाएं, शिक्षा भत्ता (यदि लागू), और कर छूट जैसी सुविधाएं मिलती है।
बंगला और आवास सुविधाएं
उपराष्ट्रपति को नई दिल्ली के प्रमुख इलाके में भव्य आवास मिलेगा। मुख्य रूप से 6, मौलाना आजाद रोड पर स्थित 35 कमरों वाला बंगला आवंटित किया जाता है। यह बंगला 5 एकड़ में फैला है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं जैसे स्विमिंग पूल, जिम, लाइब्रेरी और हेलिपैड शामिल हैं। बंगले का रखरखाव सरकार द्वारा किया जाता है और इसमें स्टाफ (कुक, बागवान, ड्राइवर आदि) की व्यवस्था भी होती है। वहीं, अगर किसी वजह से यह बंगला उपलब्ध न हो, तो 17, प्रतीहार मेन रोड या अन्य वैकल्पिक बंगला दिया जा सकता है। पूर्व उपराष्ट्रपतियों को भी आजीवन एक बंगला या किराया भत्ता मिलता है।
सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ गाड़ी
सुरक्षा के मद्देनजर उपराष्ट्रपति को अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ गाड़ी उपलब्ध कराया जाता है। मुख्य वाहन BMW या मर्सिडीज बेंज का मॉडल होता है, जो पूरी तरह बुलेटप्रूफ (लेवल B7) है। इसमें टायर बुलेटप्रूफ होते हैं, और वाहन में इमरजेंसी मेडिकल किट, संचार उपकरण और सायरन सिस्टम लगा होता है। इसके अलावा एक सहायक बुलेटप्रूफ SUV और हेलीकॉप्टर (Mi-17 या HAL डोर्नियर) की सुविधा भी मिलती है। यात्राओं के दौरान CRPF या NSG कमांडो एस्कॉर्ट करते हैं।
उच्चतम स्तर की सुरक्षा के लिए Z+ सुरक्षा कवर
उपराष्ट्रपति को देश की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी Z+ प्रदान की जाती है। यह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा सुनिश्चित की जाती है, जिसमें 50-60 कमांडो 24x7 तैनात रहते हैं। Z+ कैटेगरी में ARMर्ड वाहन, जामर डिवाइस (सिग्नल जामिंग), बॉडी स्कैनर और इंटेलिजेंस सपोर्ट शामिल हैं। उपराष्ट्रपति के आवास, कार्यालय और यात्रा के दौरान घेराबंदी होती है।
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