Tawqir Raza Khan: उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे के दिन हुए हिंसक प्रदर्शन ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया है। पुलिस का कहना है कि मौलाना की अपील पर ही भारी संख्या में भीड़ जमा हुई और माहौल को बिगाड़ा गया। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी, तोड़फोड़, और पुलिस पर हमले जैसी गंभीर घटनाएं सामने आईं, जिसके चलते हालात को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
FIR में चौका देने वाले आरोप
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में दावा किया गया है कि यह हिंसा कोई अचानक भड़की प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी। मौलाना तौकीर रजा और उनके सहयोगियों—जिनमें नदीम समेत कई अन्य पदाधिकारी शामिल हैं—ने सोच-समझकर इस प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की थी। भीड़ में शामिल लोग कह रहे थे कि "मौलाना तौकीर रजा ने कहा है कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसके लिए पुलिस पर हमला क्यों न करना पड़े।"
‘सर तन से जुदा’ जैसे नारों ने उकसाई हिंसा
हिंसक भीड़ द्वारा लगाए गए नारे—जैसे "गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा"—ने प्रदर्शन को और उग्र बना दिया। प्रदर्शनकारियों ने न केवल आपत्तिजनक नारे लगाए बल्कि पुलिस पर अवैध हथियारों से फायरिंग भी की। कांच की बोतलों में पेट्रोल भरकर बम बनाए गए और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। एफआईआर में बताया गया कि कई पुलिस वाले धारदार हथियारों से घायल हुए, उनके बैच और डंडे छीने गए।
पुलिस की सख्ती, इंटरनेट सेवा बहाल
हिंसा के बाद बरेली पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए अब तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। 10 एफआईआर में कुल 180 लोगों को नामजद और करीब 2500 अज्ञात प्रदर्शनकारियों को आरोपी बनाया गया है। शहर में पहले बंद की गई इंटरनेट सेवाएं अब धीरे-धीरे बहाल की जा रही हैं। वाई-फाई और एसएमएस सेवा शुरू हो चुकी है, और दोपहर बाद मोबाइल इंटरनेट भी शुरू किया जाएगा।
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