
SC On Stubble Burning: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान पराली जलाने की समस्या पर गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाना जरूरी है। CJI ने टिप्पणी की कि कुछ किसानों को जेल भेजने से बाकियों को सख्त संदेश जाएगा, जिससे लापरवाही पर अंकुश लगेगा।
वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने छोटे किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया, जिनके पास कम जमीन है और जेल जाने से उनके परिवार प्रभावित हो सकते हैं। इस पर CJI ने स्पष्ट किया कि नियमित गिरफ्तारियां नहीं, बल्कि जेल का डर पैदा करने की जरूरत है ताकि पराली जलाने की घटनाएं कम हों। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण प्राथमिकता है और दंडात्मक कार्रवाई से पीछे नहीं हटना चाहिए।
पराली से बायो-फ्यूल की संभावना
सुनवाई में CJI ने सुझाव दिया कि पराली को बायो-फ्यूल में बदला जा सकता है, जो लंबी प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने अखबारों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि किसानों का सम्मान जरूरी है, क्योंकि वे देश का पेट भरते हैं, लेकिन पर्यावरण की रक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। एमाइकस अपराजिता सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों को उपकरण और सब्सिडी दी है, जिसमें कॉर्पोरेट्स को 80% और व्यक्तिगत किसानों को 50% सब्सिडी मिली। फिर भी, पराली जलाने की समस्या बनी हुई है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वह स्वयं आदेश जारी करेगा। एएसजी भाटी ने स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने के लिए अगले हफ्ते सुनवाई की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से अब तक कई आदेश जारी हो चुके हैं, लेकिन पराली जलाने की समस्या जस की तस है। दिल्ली-NCR की हवा को बचाने के लिए अब सख्ती अपरिहार्य है।
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