Bengal News: बहरामपुर के खागरा श्मशान घाट दुर्गा पूजा समिति ने इस साल अपने 59वें दुर्गोत्सव समारोह में एक अनोखी और विवादास्पद थीम के जरिए सबका ध्यान खींचा है। समिति ने इस बार असुर की मूर्ति को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूप में प्रस्तुत किया है। मूर्ति का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार असीम पाल ने किया है, और इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग पूजा पंडाल पहुंच रहे हैं। आयोजन का उद्घाटन बहरामपुर नगर पालिका के मेयर नरु गोपाल मुखर्जी ने किया, जहां उद्घाटन समारोह के दौरान जबरदस्त भीड़ उमड़ी।
ट्रंप को 'असुर' क्यों माना गया?
समिति के सदस्यों का कहना है कि ट्रंप को असुर के रूप में दिखाना सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को मित्र माना और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग किया, लेकिन बदले में ट्रंप की नीतियां भारत के हितों के खिलाफ गईं। विशेष रूप से 50%टैरिफ लगाने जैसे फैसलों को समिति ने 'विश्वासघात' की संज्ञा दी है। समिति के सदस्य प्रतीक ने कहा, “उन्होंने हमारे पीएम और भारत की पीठ में छुरा घोंपा, इसलिए हमने उन्हें असुर के रूप में दर्शाया।”
ट्रंप की मूर्ति पहले भी बन चुकी है सुर्खियों का कारण
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप की मूर्ति भारत में चर्चा में आई हो। 2018 में, तेलंगाना के किसान बुस्सा कृष्णा ने ट्रंप के नाम एक मंदिर बनवाया था, जहां उन्होंने छह फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित कर उसे रोजाना पूजा अर्पित की। वह ट्रंप को भारत-अमेरिका संबंधों में समृद्धि का प्रतीक मानते थे। हालांकि, खागरा श्मशान घाट की पूजा समिति ने विपरीत भावना के साथ ट्रंप को ‘असुर’ का चेहरा बनाकर अपनी राजनीतिक और सामाजिक नाराजगी को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया है।
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