पंचतत्व में विलीन हुए IPS पूरण कुमार, आत्महत्या के आठ दिन बाद हुआ अंतिम संस्कार

पंचतत्व में विलीन हुए IPS पूरण कुमार, आत्महत्या के आठ दिन बाद हुआ अंतिम संस्कार

ADGP Suicide: हरियाणा कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी और ADGP वाई. पूरण कुमार के निधन के आठ दिनों बाद आज चंडीगढ़ में उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। परिवार की सहमति के बाद पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पूरी होने से सरकार ने राहत की सांस ली है, लेकिन मामले की जांच अभी भी अधर में लटकी हुई है।

क्या है पूरा मामला?

07 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित सरकारी आवास पर ADGP पूरण कुमार ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। शुरुआती जांच में उनके पास मिली 8-9 पेज की सुसाइड नोट में उन्होंने 16 वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव और अपमान का आरोप लगाया। नोट में हरियाणा के DGP शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया का भी जिक्र किया है।

बता दें, पूरण कुमार दलित समुदाय से थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में पिछले पांच वर्षों में सहन की गई यातनाओं का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि सीनियर अधिकारियों द्वारा लगातार अपमान और दबाव के कारण वे तनाव में थे। घटना के समय उनकी पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार, जापान में हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी के साथ आधिकारिक यात्रा पर थीं।

पोस्टमॉर्टम विवाद और अंतिम संस्कार

मौत के तुरंत बाद पोस्टमॉर्टम को लेकर विवाद खड़ा हो गया। परिवार ने शव की पहचान करने से इनकार कर दिया था, जिससे प्रक्रिया रुकी रही। चंडीगढ़ पुलिस ने 14 अक्टूबर को स्थानीय अदालत में आवेदन दायर किया, जिसमें अमनीत कुमार को शव की पहचान के लिए निर्देश देने की मांग की गई। अदालत ने अगले दिन यानी 15 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की, लेकिन उसी दिन परिवार ने सहमति दे दी।

पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में पोस्टमॉर्टम पूरा होने के बाद शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। संस्कार में परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों और कुछ राजनीतिक नेता शामिल थे। अमनीत कुमार ने संस्कार के बाद मीडिया से बातचीत में कहा 'हम न्याय चाहते हैं। मेरे पति की मौत कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था की नाकामी है।' संस्कार के संपन्न होने से हरियाणा सरकार को राजनीतिक दबाव से कुछ राहत मिली है, क्योंकि विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उठा रहा था।

सरकार की राहत, लेकिन सवाल बाकी

अंतिम संस्कार के साथ ही सरकार ने कुछ राहत महसूस की है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम विवाद खत्म होने से जांच आगे बढ़ सकेगी। आईपीएस एसोसिएशन ने भी अमनीत कुमार के पत्र पर गंभीरता बरतने की मांग की है। हालांकि, विपक्ष का दबाव कम होने वाला नहीं लगता। पूरण कुमार, जिन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और वे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में भी सेवा दे चुके थे, की मौत ने नौकरशाही में कार्य संस्कृति पर बहस छेड़ दी है।

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