Delhi BMW Case: दिल्ली के BMW हिट-एंड-रन मामले में मुख्य आरोपी गगनप्रीत मक्कड़ को आज शनिवार 27 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने जमानत की शर्त के रूप में 1 लाख रुपये का पर्सनल बॉन्ड और दो समान राशि के जमानतदारों की मांग की है। इसके अलावा आरोपी को अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा। दरअसल, मोटरसाइकिल और BMW के टक्कर की वजह से वित्त मंत्रालय नवजोत सिंह की मौत हो गई थी।
जमानत पर कोर्ट का फैसला
आज पटियाला हाउस कोर्ट की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अंकित गर्ग ने गगनप्रीत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को जांच में सहयोग करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने का आश्वासन देने पर जमानत दी जा रही है। जमानत की शर्तें सख्त रखी गई हैं, जिसमें पासपोर्ट जमा करना भी शामिल है, ताकि आरोपी देश छोड़कर न भाग सकें।
एम्बुलेंस चालक पर कोर्ट की टिप्पणी
घटनास्थल पर पहुंची एक एम्बुलेंस और उसके पैरामेडिक पर भी कोर्ट ने टिपण्णी की है। कोर्ट के अनुसार, एम्बुलेंस घटनास्थल पर कुछ ही सेकंडों में पहुंच गई थी, लेकिन मात्र 30 सेकंड बाद बिना घायलों को अस्पताल ले जाए चली गई। कोर्ट ने इसे मेडिकल नेग्लिजेंस करार दिया और पूछा 'यह एम्बुलेंस क्या कर रही थी? क्या यह लापरवाही से मौत का अपराध नहीं है?' कोर्ट ने नोट किया कि एम्बुलेंस आर्मी बेस हॉस्पिटल जा रही थी, जो नजदीकी अस्पताल था, और उसके पास कोई इमरजेंसी असाइनमेंट भी नहीं था। पैरामेडिक ने बायस्टैंडर्स से मदद की पेशकश की थी, लेकिन फिर भी घायलों को न ले जाना गलत था। कोर्ट ने पुलिस को इसकी आगे जांच करने का निर्देश दिया।
कैसे हुआ था हादसा?
बता दें, यह घटना 14 सितंबर को दिल्ली के धौला कुआं इलाके में घटी, जब एक तेज रफ्तार BMW कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। मोटरसाइकिल पर सवार वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह (52 वर्ष) और उनकी पत्नी संदीप कौर (54 वर्ष) गुरुद्वारा बंगला साहिब से लौट रहे थे। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई, जबकि मोटरसाइकिल सवार दंपति एक बस से भी जा टकराए। नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
घटना के बाद आरोपी गगनप्रीत मक्कड़, जो कार चला रही थीं, ने घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाने के बजाय करीब 19-22 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर स्थित न्यू लाइफ अस्पताल ले जाया। संदीप कौर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उन्होंने आरोपी से नजदीकी अस्पताल ले जाने की गुजारिश की, लेकिन वह नहीं मानीं। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के पिता का नुलाइफ अस्पताल के एक मालिक से परिचय है, जिसने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। गगनप्रीत मक्कड़ गुड़गांव की रहने वाली हैं और उनके पति परीक्षित मक्कड़ के साथ एक व्यवसाय चलाती हैं। कार में उनके पति और दो बच्चे भी सवार थे, जो भी हादसे में घायल हो गए।
Leave a comment