MP में नहीं थम रहा जहरीले कफ सिरप का कहर, 2 और मासूमों ने जान गंवाई; अबतक 22 जिंदगियां चढ़ी भेंट

MP में नहीं थम रहा जहरीले कफ सिरप का कहर, 2 और मासूमों ने जान गंवाई; अबतक 22 जिंदगियां चढ़ी भेंट

MP Cough Syrup Scandal:मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले Coldrif कफ सिरप से जुड़ी दर्दनाक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पिछले 24घंटों में दो और बच्चों की मौत हो गई, जिससे राज्य में अब तक मरने वालों की संख्या 22तक पहुंच गई है। यह हादसा न केवल परिवारों को शोक में डुबो रहा है, बल्कि दवा उद्योग की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है, जबकि केंद्र सरकार ने जांच तेज करने के निर्देश दिए हैं।

खतरा अभी भी बरकरार

बताया जा रहा है कि पिछले 24घंटों में दो और बच्चों की मौत हो गई, जिससे राज्य में अब तक मरने वालों का आंकड़ा 22तक पहुंच गई है। लेकिन राहत की बात यह है कि बाकी बच्चे बचाव की जद में हैं, लेकिन खतरा टला नहीं। वर्तमान में 5बच्चे नागपुर और भोपाल के अस्पतालों में किडनी फेलियर से जूझ रहे हैं, जिनमें से कुछ वेंटिलेटर पर हैं। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने छिंदवाड़ा का दौरा कर प्रभावित परिवारों को 5लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ-कोल्ड दवाएं न देने की सलाह जारी की है, क्योंकि अधिकांश मामलों में ये बीमारियां खुद ठीक हो जाती हैं।

लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन?

इस घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। छिंदवाड़ा के परासिया में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने कई बच्चों को यह सिरप लिखा था। उनके खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज है। इसके अलावा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। राज्य सरकार ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया, जो उत्पादन प्रक्रिया, वितरण और डॉक्टरों की भूमिका की गहन पड़ताल कर रही है।

इसके अलावा राज्य सरकार ने 04अक्टूबर को 'Coldrif' और कंपनी के सभी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही पंजाब, केरल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे आठ राज्यों में भी बैन लागू कर दिया गया है। दवा नियंत्रक ने सभी मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी के आदेश दिए और कई दुकानों पर अनधिकृत बिक्री के लिए कार्रवाई हुई। राजस्थान में भी दो मौतें इसी सिरप से जुड़ी बताई जा रही हैं, जहां दवा नियंत्रक को निलंबित कर दिया गया।

कैसे फैली यह महामारी जैसी तबाही?

मालूम हो कि यह त्रासदी अगस्त के आखिरी दिनों में सबको डराने लगी। जब छिंदवाड़ा जिले के परासिया और आसपास के इलाकों में छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी के इलाज के लिए एक ही कफ सिरप 'कोल्डरिफ' दिया गया। शुरुआती जांच में पाया गया कि यह सिरप डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) नामक जहरीले रसायन से दूषित था, जो किडनी फेलियर का कारण बनता है। वहीं, तमिलनाडु की लैब रिपोर्ट के अनुसार, सिरप में 48.6%तक यह विषैला पदार्थ मौजूद था, जबकि अनुमत सीमा महज 0.1%है।

CDSCO की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने 18 दिसंबर 2023 को एक स्पष्ट आदेश जारी किया था। इसमें क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट (2mg) और फिनाइलफ्राइन HCL (5mg) युक्त फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) पर रोक लगाई गई। निर्देश के अनुसार, ये दवा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसके नुकसान फायदे से ज्यादा हैं। पैकेजिंग पर '4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निषिद्ध' जैसी चेतावनी अनिवार्य थी। लेकिन कंपनी ने इस चेतावनी को इग्नोर कर दिया।

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