चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाना चाहिए और किसी निर्दोष पर आंच नहीं आनी चाहिए। इस मामले में न्याय सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इसके बीच में इतने बड़े पुलिस अधिकारी का सुसाइड बेहद ही दुखद घटना है। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। आज खुद पुलिस के इतने बड़े अधिकारी सुरक्षित नहीं है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम लोगों की क्या हालत होगी।
पूरन कुमार की आत्महत्या अत्यंत दुखद और स्तब्ध करने वाली है- पूरन सिंह
पूरन सिंह की आत्महत्या पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट को साझा करके लिखा कि हरियाणा के वरिष्ठ दलित IPS अधिकारी ADGP वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या अत्यंत दुखद और स्तब्ध करने वाली है। यह सवाल उठता है कि क्या हरियाणा की भाजपा सरकार का सिस्टम इतना कमजोर या पक्षपातपूर्ण है कि एक ADGP स्तर के दलित अधिकारी को भी न सुनवाई मिलती है न न्याय?पिछले ग्यारह वर्षों में दलित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ भेदभाव और अपमान के कई उदाहरण सामने आए हैं। चाहे वह दलित महिला IPS अधिकारी का सार्वजनिक अपमान हो या दलित विधायकों को मंच से दूर रखना। अब समय है कि चंडीगढ़ प्रशासन और गृह मंत्रालय ADGP पूरन कुमार की IAS पत्नी की बात सुनें और न्याय सुनिश्चित करें।
जाति के आधार पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- कांग्रेस
कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार दलित होने की वजह से भेदभाव का सामना कर रहे थे। उनको प्रताड़ित किया जा रहा था। एक व्यक्ति जो अपनी मेहनत और लगन से IPS बना, उसे भी जाति के आधार पर प्रताड़ित किया गया। ये अक्षम्य अपराध है। समाज पर कलंक है। वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि समाज में ये संदेश जाए कि जाति के आधार पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये देश संविधान से चलेगा, मनु के विचारों से नहीं।
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