“‘मृत्यु कुंभ’ कहने वाले होली में उपद्रव नियंत्रित करने में असमर्थ”, ममता बनर्जी पर CM योगी आदित्यनाथ पर तीखा प्रहार

“‘मृत्यु कुंभ’ कहने वाले होली में उपद्रव नियंत्रित करने में असमर्थ”, ममता बनर्जी पर CM योगी आदित्यनाथ पर तीखा प्रहार

Yogi Adityanath On Mamta Banerjee: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके ‘‘मृत्यु कुंभ’’ वाले बयान पर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ‘‘जो लोग होली के दौरान उपद्रव को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे, उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहा था।

बंगाल में होली के दौरान उपद्रव

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पहली बार तमिलनाडु से लोग आए थे। केरल से भी लोग आए थे। उत्तर प्रदेश की आबादी 25करोड़ है और होली शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। लेकिन, पश्चिम बंगाल में होली के दौरान कई उपद्रव हुए। जो लोग होली के दौरान उपद्रव को नियंत्रित करने में असमर्थ थे उन्होंने कहा था कि प्रयागराज का महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ था।’’

पश्चिम बंगाल से हर दिन 50हजार से एक लाख लोग आए

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, हमने कहा कि यह ‘मृत्यु’ नहीं है, यह ‘मृत्युंजय’ है। यह ‘महाकुंभ’ है। इस कुंभ ने साबित कर दिया है कि महाकुंभ के 45दिनों में, हर दिन पश्चिम बंगाल के 50हजार से एक लाख लोग इस आयोजन का हिस्सा थे।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 18फरवरी को कहा था कि भगदड़ की घटनाओं के कारण महाकुंभ ‘‘मृत्यु कुंभ’’ में बदल गया है। उन्होंने दावा किया था कि महाकुंभ में मौतों के वास्तविक आंकड़े को अधिकारियों ने दबा दिया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक संबोधन के दौरान बनर्जी ने कहा था, ‘‘उन्होंने मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया है। भाजपा शासन में महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है।’’

मीडिया की सकारात्मक भूमिका के लिए सरकार सहयोग देगी

आदित्यनाथ ने मीडिया संगठन के पदाधिकारियों और अन्य पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘मीडिया की सकारात्मक भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए आपको जिस भी तरह के सहयोग की आवश्यकता होगी, सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश में कई स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं जिन्होंने मीडिया के माध्यम से अपने करियर को आगे बढ़ाने का काम किया। आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘उन्होंने (पत्रकारों) देश के स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें सबसे पहला नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाचारपत्रों को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा लाला लाजपत राय, गणेश शंकर विद्यार्थी आदि ने अपनी लेखनी की धार से समाज को नयी दिशा दी।’’

मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता कभी कम नहीं हो सकती

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जब देश के लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा था, तब समाचार समूहों ने अपनी लेखनी के माध्यम से लोकतंत्र को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता के बारे में उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में भी मीडिया की भूमिका और प्रासंगिकता कभी कम नहीं हो सकती।

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