AI ने खुशियों से भर दी झोली...जल्द गूंजेगी किलकारियां, 19 साल बाद कपल को मिला माता-पिता बनने का सुख

AI ने खुशियों से भर दी झोली...जल्द गूंजेगी किलकारियां, 19 साल बाद कपल को मिला माता-पिता बनने का सुख

AI Guided Pregnancy: Just Imagine, 19 साल का लंबा इंतजार, नाकाम IVF चक्रों की कड़वी यादें और डॉक्टरों की निराशाजनक सलाह के बाद भी उम्मीद की एक किरण। अमेरिका के एक जोड़े की कहानी आज वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोर रही है, जहां AI ने चमत्कार कर दिखाया। कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित STAR (Sperm Tracking and Recovery) सिस्टम ने एक ऐसे सेमेन सैंपल में छिपे हुए दो स्वस्थ शुक्राणुओं को खोज निकाला, जो पहले 'नि:संतान' घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद 37 वर्षीय महिला गर्भवती हुईं, और अब आठ सप्ताह की जांच में भ्रूण का हृदय 172 बीट्स प्रति मिनट की गति से धड़क रहा है।

प्रेग्नेंसी के लिए किया लंबा इंतजार

मालूम हो कि यह जोड़ा, 39 वर्षीय पति और 37 वर्षीय पत्नी को पिछले 19 सालों से बच्चा नहीं हो रहा था। उन्होंने 15 से अधिक IVF चक्र आजमाए, दो सर्जिकल प्रक्रियाओं से शुक्राणु निकालने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। पति को एजूस्पर्मिया (azoospermia) का निदान मिला था – एक ऐसी स्थिति जहां वीर्य में कोई मापने योग्य शुक्राणु नहीं होता। यह स्थिति पुरुष बांझपन के लगभग 40% मामलों का कारण बनती है, और पारंपरिक तरीकों से इलाज मुश्किल होता है। डॉक्टरों ने उन्हें डोनर स्पर्म का सुझाव दिया, लेकिन कपल अपना बच्ता चाहता था।

इन सारी कोशिशों के बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डॉ. जेव विलियम्स और उनकी टीम ने पांच वर्षों की मेहनत के बाद STAR AI-आधारित प्रणाली विकसित की। STAR ने 3.5 मिलीलीटर वीर्य के सैंपल की 25 लाख छवियों को दो घंटों से ज्यादा समय तक स्कैन किया। मानव विशेषज्ञों की नजर से चूके दो शुक्राणु मिले, जिन्हें रोबोटिक आर्म ने बिना किसी रसायन या लेजर के सुरक्षित निकाला। इन शुक्राणुओं से दो भ्रूण बनाए गए, जो तीसरे दिन महिला के गर्भाशय में डाले गए। 13 दिनों बाद पहली पॉजिटिव प्रेग्नेंसी टेस्ट ने उनकी जिंदगी बदल दी।

 AI कैसे कर रहा है STAR सिस्टम?

STAR की प्रेरणा खगोल विज्ञान से ली गई है, जहां AI दूरबीनों से तारों को पहचानता है। यहां, यह माइक्रोफ्लूडिक चिप, हाई-स्पीड इमेजिंग और AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है:

  1. स्कैनिंग:सैंपल को छोटे-छोटे चैनलों से गुजारता है, जहां AI हर मिलीसेकंड में लाखों छवियां विश्लेषित करता है।
  2. पहचान:छिपे शुक्राणुओं को कचरे या अन्य कोशिकाओं से अलग करता है – एक परीक्षण में, जहां मानव विशेषज्ञ दो दिनों में कुछ नहीं ढूंढ पाए, STAR ने एक घंटे में 44 शुक्राणु खोजे।
  3. निकासी:रोबोटिक सिस्टम शुक्राणु को सुरक्षित निकालता है, जो IVF या ICSI (इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन) के लिए इस्तेमाल होता है।

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