
Ladakh Protests: लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों को लेकर लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (LAHDC) के सीईओ ताशी ग्याल्सन ने अपना बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि लोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए आए थे। इस दौरान भीड़ को अचानक भड़काया गया और देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसा में बदल गई।
कैसे बिगड़ा महौल?
ग्याल्सन ने कहा कि कि भूख हड़ताल शुरू में पूरी तरह शांतिपूर्ण थी और इसका उद्देश् बड़े मुद्दों को लेकर आवाज उठाना था। सरकार समय-समय पर बातचीत कर रही थी और यह आश्वासन भी दिया गया था कि लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा मिलेगी। इसके बाद भी अफवाहें फैलने लगीं कि सरकार गंभीर नहीं है और कोई कदम नहीं उठाएगी। इसके बाद माहौल बिगाड़ने लगा।
ग्याल्सन ने की जांच की मांग
उन्होंने आगे कहा कि 24 सितंबर, 2025 को जो घटना हुई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। ग्याल्सन ने कहा कि उपराज्यपाल से मांग की गई है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने ये भी बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस की ओर से कड़ी कार्रवाई की गई, जिसकी वजह से 4 युवाओं की जान चली गई और कई लोग घायल हुए।
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