Success Story: सुबह की चाय से लेकर नाश्ते में ब्रेड तक…जानें कैसे हुआ डेयरी बाजार में AMUL का कब्जा?

Success Story: सुबह की चाय से लेकर नाश्ते में ब्रेड तक…जानें कैसे हुआ डेयरी बाजार में AMUL का कब्जा?

AMUL Success Story: अमूल एक बार फिर चर्चा में है। PM मोदी गुरुवार को गुजरात पहुंचे और अमूल के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लिया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आजादी से पहले किसानों के शोषण से शुरुआत करने वाली अमूल आज कैसे मार्केट लीडर बन गया? और भारत में कैसे सफलता का इतिहास रचा?आईए जानें अमूल कैसे बना मार्केट लीडर।

गुजरात के एक छोटे से गांव से शुरू हुई डेयरी कंपनी अमूल यूं ही नहीं देश की सबसे बड़ी ब्रांड बन गई। अमूल का प्रभाव उत्तर भारत से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व तक है। आंकड़े खुद इसकी सफलता की कहानी बयां करते हैं। मक्खन बाजार में अमूल की हिस्सेदारी 85 फीसदी है। पनीर के मामले में यह आंकड़ा 65-66 फीसदी है। दूध में अमूल की हिस्सेदारी 63 फीसदी बनी हुई है। डेयरी जगत के इतिहास में अमूल की यह स्थिति ऐतिहासिक है।

कैसे हुआ Amul Girlका जन्म?

बाजार में अमूल के उत्पाद दूध से लेकर पनीर तक हैं, लेकिन अमूल बटर की भारतीय बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन इसका सफर आसान नहीं रहा है। अमूल को शुरू से ही पसंद किया जा रहा था, क्योंकि पोल्सन से उसे कड़ी टक्कर मिल रही थी। लोगों को पोलसन का मक्खन बहुत पसंद आया। इसकी वजह इसे बनाने का तरीका था। पोलसन ने यूरोपीय प्रक्रिया से मक्खन तैयार किया और उसमें नमक का इस्तेमाल किया।

अमूल के मक्खन में नमक नहीं था, इसलिए वह फीका लग रहा था। यहीं पर अमूल ने अपनी रणनीति बदल दी। मक्खन में नमक मिलाने से उसका स्वाद बदल जाता है। इसी बदलाव को लोगों तक पहुंचाने के लिए अमूल गर्ल का जन्म हुआ। सिल्वेस्टर डी कुन्हा ने अमूल गर्ल बनाई। अमूल का ‘Utterly Butterly Delicious’ विज्ञापन इतना लोकप्रिय हुआ कि कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

ऐसे पकड़ी आम आदमी की नब्ज

अमूल ने जिस तरह से भारतीयों के दिलों में जगह बनाई है, उसमें मार्केटिंग ने बड़ी भूमिका निभाई है। कंपनी हमेशा अपने उत्पादों की खूबियां समझाने के लिए उन्हें रोजमर्रा की चीजों से जोड़कर विज्ञापन जारी करती रही है, जो भारतीयों से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं। लोग स्वयं इससे जुड़ सकते थे। अमूल ने विज्ञापनों के जरिए अपनी बात लोगों तक पहुंचानी शुरू की।

अमूल ने अपनी बात रखने और अपने उत्पादों के महत्व को समझाने के लिए क्रिएटिविटीका इस्तेमाल किया। देश के हालात हों, भारतीयों की उपलब्धियां हों या देश में बड़े बदलाव, अमूल ने अपने विज्ञापनों के जरिए लोगों को हंसाया भी और सोचने पर भी मजबूर किया। परिणामस्वरूप यह ध्यान आकर्षित करने में सफल रही। लोगों के मन में अमूल की छवि एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में बनी जो न सिर्फ अपने प्रोडक्ट डिलीवर करती है बल्कि संदेश भी देती है।  देश में कोरोना वैक्सीन का महत्व बताना हो या प्याज की आसमान छूती कीमतें,देशी-विदेशीमुद्दों पर दिलचस्प विज्ञापन बनाए और लोगों के बीच जगह बनाई।

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