
Iran Israel War: ईरान के माजंदरान क्षेत्र का खूबसूरत शहर सारी आज मातम में डूबा है। हरी-भरी पहाड़ियों और माजंदरान सागर के बीच बसा यह शहर कभी अपनी रौनक के लिए जाना जाता था, लेकिन पिछले नौ दिनों से यहां बारूद की गंध और जनाजों की कतारें आम हैं। इजरायल के मिसाइल, ड्रोन और गोले बारूद ने इस शहर को गम के साये में लपेट दिया है। सड़कों पर ईरानी झंडे में लिपटे ताबूतों को देख महिलाएं रोते हुए सलाम करती हैं, तो युवा और बुजुर्ग अपने शहीदों को कंधा देने के लिए बेताब दिखते हैं। भीड़ में हर कोई ताबूत को छूकर अपनी श्रद्धांजलि देना चाहता है। सारी की सड़कों पर गुस्सा और दर्द दोनों उमड़ रहे हैं, जहां लोग इजरायल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने कमांडरों और जवानों को अंतिम विदाई दे रहे हैं।
कोम में भी मातम, गर्मी में शहीदों को विदाई
ईरान का कोम शहर भी अपने सपूतों को खोने का दुख झेल रहा है। काले हिजाब में लिपटी महिलाएं और सफेद पगड़ी बांधे पुरुष तपती गर्मी में भी सड़कों पर उमड़ पड़े हैं। हर कोई अपने शहीदों को आखिरी सम्मान देना चाहता है। यह जंग सारी और कोम जैसे शहरों के लिए कहर बनकर आई है, जहां जिंदगियां और सपने बिखर रहे हैं। दूसरी ओर, इजरायल के होलोन शहर में भी मातम का माहौल है। ईरान के हमले में मारे गए एक शख्स के अंतिम संस्कार में गलियां सूनी हैं। डबडबायी आंखों से लोग अपने प्रियजनों को विदा करते हैं। एक महिला हिचकियों के बीच श्रद्धांजलि पढ़ती है, तो धर्मगुरु अंतिम रस्में पूरी करते हैं। यहां भी दर्द वही है, बस चेहरों और जगहों के नाम अलग हैं।
युद्ध नहीं, शांति है समाधान
ईरान और इजरायल के बीच नौ दिनों से जारी इस जंग ने अब तक ईरान में 639 और इजरायल में 24 जिंदगियां छीन ली हैं। सारी की गलियां हो या तेल अवीव की सड़कें, ताबूतों की चीखें एक ही बात कहती हैं- युद्ध कोई हल नहीं। हर मिसाइल, हर बम सिर्फ जिंदगियां लीलता है।
जंग के आंकड़े
ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग ने नौ दिनों में भारी तबाही मचाई है। इस संघर्ष में अब तक ईरान में 639 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि इजरायल में 24 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा न केवल जिंदगियों के नुकसान को दर्शाता है, बल्कि दोनों देशों में फैले दर्द और मातम की गहराई को भी उजागर करता है।
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