
Face off between India-China in South China Sea: भारत और चीन के बीच उत्तरी सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद अब दोनों देशों के तटरक्षक बलों के बीच भी स्थिति संवेदनशील हो गई है। हाल ही में भारतीय तटरक्षक जहाज शौनक और चीनी तटरक्षक बलों के बीच दक्षिण चीन सागर में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है।
भारतीय तटरक्षक जहाज शौनक जापान से एक सद्भावना यात्रा करके लौट रहा था। जब वह विवादित स्कारबोरो शोल के पश्चिमी समुद्री क्षेत्र से गुजर रहा था, तब चीनी तटरक्षक बल के जहाजों ने उसे घेर लिया। चीनी तटरक्षक बल के दो जहाज, सीसीजी 3103और सीसीजी 3502, भारतीय जहाज के पास आए। इससे दोनों तटरक्षक बलों के बीच तनाव बढ़ गया। चीन इस क्षेत्र को विवादित मानते हुए अपनी संप्रभुता का दावा करता है, जबकि फिलीपींस इस पर अपना अधिकार जताता है।
चीन की आक्रामक रणनीति
यह घटना उस समय घटी, जब चीनी तटरक्षक बल पहले ही फिलीपींस के तटरक्षक जहाजों के साथ टकराव में थे। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। चीनी तटरक्षक बल की आक्रामक रणनीति लंबे समय से इस क्षेत्र में चिंता का कारण बनी हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, चीन ने "ग्रे जोन" में काम करना शुरू किया है, जहां वह समुद्री अधिकारों और संप्रभुता की रक्षा के नाम पर विवादित क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाता है।
चीन की तटरक्षक शक्ति और बढ़ता खतरा
चीन का तटरक्षक बल अपनी बड़ी तैनाती और निगरानी प्रणाली के कारण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन चुका है। चीन के पास 500टन से अधिक वजन वाले 225जहाज हैं, जो अपतटीय संचालन में सक्षम हैं। इसके अलावा, चीन के पास दुनिया के दो सबसे बड़े तटरक्षक जहाज हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 10,000टन है। इन जहाजों की तैनाती चीन को इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने का अवसर देती है, लेकिन इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर संकट भी पैदा हो सकता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि चीन की तटरक्षक नीति और उसकी रणनीतियां, विशेष रूप से विवादित समुद्री क्षेत्रों में, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती हैं।
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