
Who Is Abu Mohammad Al Jolani: इस समय मिडिल ईस्ट में इजराइल की हिजबुल्लाह और गाजा में हमास के साथ भीषण लड़ाई चल रही है। इस लड़़ाई में अब मुस्लिम राष्ट्र सीरिया में पुराना इस्लामिक जिहादी समूह सक्रिय हो गया है। जिसकी वजह से सीरिया एक बार फिर से गृहयुद्ध की आग में जल रहा है। इस समूह का नाम हयात तहरीर अल-शाम बताया जा रहा है। इस बार HTSके नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी सीरिया के चल रहे गृहयुद्ध में एक प्रमुख और विवादास्पद व्यक्ति बनकर सामने आए हैं।
बता दें, सीरिया के दूसरे बड़े शहर अलेप्पो में इस आतंकी संगठन ने बड़ी तबाही मचाई है। शहर के बड़े हिस्से पर इसके आतंकियों ने कब्जा कर लिया है। सीरिया की सरकार ने इस संगठन से निपटने के लिए दो देशों से मदद मांगी है।
सीरिया में इस्लामी शासन चाहता है अल-जोलानी
अमेरिकी सरकार ने तहरीर अल-शाम पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा था। लेकिन इसके बावजूद, वे उत्तर-पश्चिमी सीरिया में महत्वपूर्ण क्षेत्र और लाखों विस्थापित नागरिकों को नियंत्रण रखते हैं। बता दें, अल-जोलानी, जिनका पहले अल-कायदा से करीबी संबंध था। उन्होंने अब खुद की पहचान HTS के नेता के रूप में बना ली है। जिसका लक्ष्य असद शासन को सत्ता से हटाना और सीरिया में इस्लामी शासन स्थापित करना है।
अल-कायदा का साथी हयात तहरीर अल-शाम
वहीं, सीरिया की सेना ने अलेप्पो के बड़े हिस्से पर तहरीर अल-शाम के कब्जे की पुष्टि की है। सेना और आतंकियों के बीच भीषण जंग चल रही है। बताया जा रहा है कि काफी सैनिक जंग से पीछे हट चुके हैं। वहीं, साल 2016 में राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए थे। तब सेना ने तहरीर अल-शाम के आतंकियों को अलेप्पो से खदेड़ दिया था। उसके बाद ये संगठन काफी कमजोर हो गया था। इस संगठन का पूरा नाम हयात तहरीर अल-शाम है,जो अल-कायदा का साथी माना जाता है।
कौन हैं अबू मोहम्मद अल-जोलानी?
अबू मोहम्मद अल-जोलानी, जिनका जन्म नाम अहमद हुसैन अल-शरा था। वो सीरिया में जिहादी समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता हैं। वह अल-कायदा का पूर्व सदस्य है। जिसने बाद में खुद को समूह से अलग कर लिया और उत्तर-पश्चिमी सीरिया, खासकर इदलिब प्रांत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में से एक बन गए।
अल-जोलानी का मकसद
यह संगठन साल 2011 में जभात अल-नुसरा के तौर पर सामने आया था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस संगठन के निर्माण में इस्लामिक स्टेट के पूर्व लीडर अबू बकर अल-बगदादी भी शामिल था। यह संगठन सीरिया की सरकार के लिए खतरनाक माना जाता है।
2016 में जभात अल-नुसरा के प्रमुख अबू मुहम्मद अल-जोलानी ने अपने संगठन को भंग कर सभी संबंध अल-कायदा से तोड़ लिए थे। तहरीर अल-शाम दावा करता है कि वह आतंकी संगठन नहीं है। उसका मकसद सीरिया में कट्टरपंथी सरकार को स्थापित करना है।
Leave a comment