
Pakistan PM On Nuclear Attack: 22अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इस हमले में कई लोगों की जान गई, जिसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और बहावलपुर सहित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। बहावलपुर को जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है। चार दिन तक चली इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान ने 55लोगों के मारे जाने की बात कही। पाकिस्तान ने इस दौरान कड़े बयान जारी किए, जिससे दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच बड़े संघर्ष की आशंका बढ़ गई।
परमाणु बयानबाजी का दौर
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि देश हाई अलर्ट पर है, लेकिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल अत्यंत गंभीर परिस्थितियों में ही होगा। इस्लामाबाद में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम शांति और राष्ट्रीय रक्षा के लिए है, न कि आक्रामकता के लिए। हालांकि, भारत ने इसे 'परमाणु ब्लैकमेल' करार देते हुए खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के प्रॉक्सी युद्ध को अब युद्ध माना जाएगा और सीमा पार से किसी भी आतंकी हमले का जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा। इस बयानबाजी ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।
शांति की जरूरत और चेतावनी
पाकिस्तान की आईएसआई के पूर्व प्रमुख जावेद अशरफ काजी ने चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान, दोनों के पास 170से अधिक परमाणु हथियार हैं, और युद्ध से न केवल दोनों देशों, बल्कि पूरे क्षेत्र में भयावह विनाश हो सकता है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर हुए परमाणु हमलों का हवाला देते हुए इसके दूरगामी प्रभावों को रेखांकित किया। दूसरी ओर, कूटनीतिक बातचीत में शहबाज शरीफ ने परमाणु संघर्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए ऐसी स्थिति से बचने की जरूरत पर जोर दिया। भारत ने भी साफ किया कि वह पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाला नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति पर अडिग रहेगा।
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