Chandrayaan-3 लॉन्च के लिए तैयार है ISRO, जानें भारत की चांद पर जाने के पीछे क्या है मंशा?

Chandrayaan-3 लॉन्च के लिए तैयार है ISRO, जानें भारत की चांद पर जाने के पीछे क्या है मंशा?

Chandrayaan-3भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा पर महत्वाकांक्षी चंद्रयान -3 मिशन के प्रक्षेपण का संचालन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रोब, जो वर्तमान में श्रीहरिकोटा में है, जो इस वर्ष जुलाई में प्रक्षेपण के लिए रॉकेट के साथ इंटीग्रेशनके दौर से गुजर रही है।

ISROका चंद्रयान-3 जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह की ओर रवाना होगा। इसरो ने अभी तक मिशन के लॉन्च की आधिकारिक तिथि की पुष्टि नहीं की है, लेकिन घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है।

हम चाँद पर क्यों जा रहे हैं?

पीढ़ियों से, चंद्रमा न केवल रोमांटिक आकर्षण बल्कि वैज्ञानिक जिज्ञासा का भी स्रोत बना हुआ है। इसकी उत्पत्ति की कहानी से लेकर इसके विकास की कहानी तक, आकाश के अंधेरे में लटकी विशाल चट्टान जिसका निर्माण हजारों वर्षों की उल्कापिंडों के कारण हुई, उसमे हजारों राज दफन है।

भारत पिछले एक दशक से अधिक समय से चंद्र जगत की खोज कर रहा है क्योंकि ISROअपनी सीमाओं को आगे बढ़ा रहा है। यह सब तब शुरू हुआ जब ISROने पहला चंद्रमा मिशन शुरू किया, जो अंत में चंद्रमा पर पानी खोजने में सफल हो गया। उसके बाद जब ISROका चंद्रयान -2 मिशन अंतरिक्ष के अंधकार में खो गया, तब इस मिशन को लेकर एक संक्षिप्त विराम लगा। लेकिन अब चंद्रयान-3 मिशन के जरिए ISRO चंद्रमा को छुना चाहता हैऔर इस संक्षेप में समझना चाहता है।

चंद्रयान -3 मिशन का उद्देश्य

चंद्रयान -3 मिशन चंद्रमा के दूर के हिस्से का पता लगाएगा और चंद्र सतह पर सॉफ्ट लैंड करने का प्रयास करेगा। ISROने चंद्रयान-2 मिशन की विफलता से सीखा है, जो चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग क्षमता का प्रदर्शन करना होगा और भारत को यह क्षमता रखने वाला दुनिया का केवल चौथा देश बनाना होगा।

ISROप्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, " चंद्रयान -3मिशन वास्तुकला, विज्ञान उद्देश्य और समग्र मिशन के संदर्भ में चंद्रयान -2के समान है।"ISROने कहा कि मिशन का चंद्र सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) तापीय चालकता (thermal conductivity) और तापमान को मापेगा, जबकि इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिक एक्टिविटी (ILSA) लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापेगा।वहीं लैंगमुइर प्रोब (LP) प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाएगा और NASAसे एक निष्क्रिय लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययन के लिए मिशन पर समायोजित किया गया है।

ISROप्रमुख पिछले चंद्र मिशन की विफलता पर कहा "हम चंद्रयान -2 मिशन की विफलता थे, लेकिन ऑर्बिटर माप कर रहा है और हमें डेटा दे रहा है। हमने यह समझने के लिए दर्द उठाया कि क्या गलत हुआ और समस्या क्या थी। यह सॉफ्टवेयर में एक त्रुटि थी।"

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