एनआरसी के डर से शख्स ने की आत्महत्या... बंगाल में छिड़ा सियासी बवाल, आमने-सामने आईं TMC-BJP

एनआरसी के डर से शख्स ने की आत्महत्या... बंगाल में छिड़ा सियासी बवाल, आमने-सामने आईं TMC-BJP

West Bengal: पश्चिम बंगाल में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के डर से एक व्यक्ति की कथित आत्महत्या ने मंगलवार को राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर “डर और विभाजन की राजनीति” करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने जवाब में ममता पर “झूठ फैलाकर जनता में दहशत फैलाने” का आरोप लगाया।

बराकपुर पुलिस आयुक्त मुरलीधर शर्मा के अनुसार, 57वर्षीय प्रदीप कर का शव उत्तर 24परगना जिले के पनिहाटी स्थित घर में फांसी के फंदे से लटका मिला। मौके से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वे एनआरसी को लेकर डरे और तनाव में थे। हाल ही में 12राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा के बाद उनका डर और बढ़ गया था।

भाजपा ने लोकतंत्र को भय के रंगमंच में बदला’ — ममता बनर्जी

घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भाजपा ने वर्षों से निर्दोष नागरिकों को एनआरसी के नाम पर आतंकित किया है। उन्होंने झूठ फैलाया, असुरक्षा को हथियार बनाया और इसे वोट की राजनीति में बदल दिया।” ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने “संवैधानिक लोकतंत्र को भय के रंगमंच में बदल दिया है।” उन्होंने साफ कहा कि “बंगाल में एनआरसी कभी लागू नहीं होने दिया जाएगा।” साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर “दिल्ली में बैठे लोग” राज्य में ऐसी प्रक्रिया थोपने की कोशिश करेंगे तो “जनता बड़ा जनविरोध खड़ा करेगी।”

भाजपा का पलटवार — ‘राजनीतिक लाभ के लिए फैलाया जा रहा झूठ’

वहीं भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ममता के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “देश में कहीं भी एनआरसी लागू नहीं है।” उन्होंने ममता पर “राजनीतिक लाभ के लिए झूठ फैलाने” का आरोप लगाया। मालवीय ने प्रदीप कर की मौत की जांच की मांग करते हुए कहा, “यह स्पष्ट होना चाहिए कि आत्महत्या की असली वजह क्या थी, इसे राजनीतिक हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए।” भाजपा का कहना है कि मतदाता सूची का सारांश पुनरीक्षण (SIR) एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसे ममता बनर्जी “एनआरसी का रूप” बताकर जनता को भ्रमित कर रही हैं। चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट किया है कि SIR का मकसद केवल मतदाता सूची को अद्यतन करना है, न कि किसी प्रकार की नागरिकता जांच करना।

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