जेपी नड्डा के बयान पर केजरीवाल ने उठाए सवाल, कहा- पूर्वांचल के लोग रोहिंग्या-बांग्लादेशी कैसे हो सकते हैं?

जेपी नड्डा के बयान पर केजरीवाल ने उठाए सवाल, कहा- पूर्वांचल के लोग रोहिंग्या-बांग्लादेशी कैसे हो सकते हैं?

Kejriwal On JP Nadda Controversial Statement: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान पर सवाल उठाए। केजरीवाल ने कहा कि नड्डा ने यह स्वीकार किया है कि बीजेपी कार्यकर्ता दिल्ली में रह रहे पूर्वांचलियों के नाम काट रहे हैं। उन्होंने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि यूपी और बिहार से दिल्ली आए लोग पिछले 40सालों से यहां रह रहे हैं और उन्होंने शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि यूपी और बिहार से लोग मुख्य रूप से दो कारणों से दिल्ली आते हैं— नौकरी की तलाश और पढ़ाई के लिए। ये लोग मिडिल क्लास होते हैं, जिनके पास ज्यादा पैसे नहीं होते और वे सस्ती कॉलोनियों में रहते हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को यहां से निकालना चाहती है।

बीजेपी के वोटर कार्ड की साजिश से सतर्क रहें

केजरीवाल ने बीजेपी पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के लोग दिल्लीवासियों का नाम काटने के लिए उनका वोटर कार्ड मांग सकते हैं। उन्होंने कहा, "अगर बीजेपी के लोग आपके दरवाजे पर आकर वोटर आईडी कार्ड मांगें, तो उन्हें मत दिखाएं। वे आपका नाम लिस्ट से हटा देंगे।" केजरीवाल ने इसे बीजेपी की सोची-समझी साजिश बताया, जिसमें रोहिंग्या और बांग्लादेशी बहाने के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं।

पूर्वांचलियों के नाम कटने नहीं देंगे - केजरीवाल

केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह सब पूर्वांचलियों के नाम कटवाने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि ये लोग आम आदमी पार्टी के समर्थक हैं। उनका कहना था कि उनका नाम काटने नहीं दिया जाएगा और वे लोगों को इस साजिश के बारे में जागरूक करेंगे।

पूर्वांचलियों को घुसपैठिया कहा गया - संजय सिंह

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सदन में पूर्वांचल के लोगों को घुसपैठिया कहा गया, जबकि वे भारत के नागरिक हैं। उनका कहना था, "हमने यह बताया कि हम अपने बच्चों को यहां पढ़ा रहे हैं, फिर भी हमें घुसपैठिया कहा जा रहा है।"

यह विवाद दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ले चुका है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं कि इस पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।

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