
Kris Gopalakrishnan: इन्फोसिस के को-फाउंडर क्रिस गोपालकृष्णन सहित 18लोगों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला आदिवासी बोवी समुदाय के सदस्य और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के पूर्व संकाय सदस्य दुर्गाप्पा ने दर्ज कराया है। दुर्गाप्पा का कहना है कि 2014में उन्हें एक हनी ट्रैप मामले में फंसाया गया था। इसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। दुर्गाप्पा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले के बारे में बोलने की कोशिश की, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई और जातिवादी गालियां भी दी गई।
इन आरोपों के बाद बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सिविल और सत्र न्यायालय (सीसीएच) के आदेश पर दर्ज हुआ है। अब तक क्रिस गोपालकृष्णन और अन्य आरोपितों की तरफ से कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्रिस गोपालकृष्णन का करियर
क्रिस गोपालकृष्णन भारतीय आईटी उद्योग के एक प्रमुख नाम हैं। उन्हें "क्रिस" के नाम से जाना जाता है। 1981में उन्होंने नारायण मूर्ति, नंदन निलेकणी और अन्य साथियों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की। उन्होंने 2007से 2011तक इंफोसिस के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्य किया। 2011से 2014तक वे कंपनी के वाइस चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व में इंफोसिस ने वैश्विक स्तर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की।
गोपालकृष्णन की संपत्ति
क्रिस गोपालकृष्णन अक्टूबर 2024में फोर्ब्स द्वारा जारी भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में 4.35बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ 73वें स्थान पर थे। इसके अलावा, भारत सरकार ने उन्हें 2011में पद्म भूषण, जो भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, से सम्मानित किया था।
यह मामला अभी भी जांच के दौर से गुजर रहा है, और पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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