
Jamun Leave In Diabetes: डायबिटीज को कंट्रोल करने के कई घरेलू उपाय असरदार साबित होते हैं। आयुर्वेद में ऐसी कई चीजों का जिक्र किया गया है, जो शरीर में बढ़ते ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल करता है। खराब एक्सरसाइज और खान-पान के कारण डायबिटीज के मरीजों की संख्जा तेजी से बढ़ रही है। दवा के अलावा डाइट,एक्सरसाइज और कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर भी डायबिटीज को काबू किया जा सकता है। इसके अलावा जामुन के पत्तों से भी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते है।
बता दें कि जामुन के पत्ते का उपयोग डायबिटीज के इलाज में किया जा सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि जामुन के पत्ते से डायबिटीज बिल्कुल ठीक हो जाएगा। ज्यादा तर अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि जामुन के पत्ते में मौजूद खास तत्व (जैसे कि बेटा-करोटीन, फ्लावोनॉयड्स, विटामिन सी) मधुमेह को खत्म करने में कारगर हो सकता है। आयुर्वेद में जामुन के फल,बीज यानी गुठली, तना और पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज में भी ये सारी चीजें फायदेमंद साबित होती है। इसके अलावा जामुन की गुठली का पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही साथ सुबह के समय में खाली पेट अगर जामुन के पत्ते का जूस निकल कर पिया जाए, तो ये भी काफी फायदेमंद होता है।
जामुन के पत्तो से होते है कई फायदे
खून के संचालन में मददगार:जामुन के पत्तों में मौजूद खास तत्व (जैसे कि अंथोसियानिंस) की वजह से खून के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। यह इंसुलिन के असर को बढ़ा सकता है और खून में शुगर लेवल को कम कर सकता है।
मेटाबोलिज़म में सुधार:जामुन के पत्तों में मौजूद तत्व चरबी के मेटाबोलिज़म को सुधारने में मदद कर सकते हैं, जिससे रोगी का वजन और चरबी दोनों कंट्रोल में रहता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण:जामुन के पत्तों में खास एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के हानिकारक असर को कम कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल:जामुन के पत्तों में पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।
एंटी-इन्फ्लेमेटरी :जामुन के पत्ते में मौजूद तत्व एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जो शरीर के सूजन को कम कर सकता हैं और शरीर के बाकी अंगों की स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।
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