HMPV वायरस के साथ चीन में मंडरा रहा इन बीमारियों का खतरा, अलर्ट मोड पर भारत

HMPV वायरस के साथ चीन में मंडरा रहा इन बीमारियों का खतरा, अलर्ट मोड पर भारत

Human Metapneumovirus: चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस जैसा ही एक और वायरस खतरा बनता दिख रहा है। बीते दिनों चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आए हैं। एक रिपोर्ट में हॉन्गकॉन्ग के अखबार हॉन्गकॉन्ग एफपी ने दावा किया है कि चीन में यह वायरस तेजी से फैला है। बताया जा रहा है कि चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन चीन ने इस रिपोर्ट्स की कोई पुष्टि नहीं की है।

लेकिन वायरस और बीमारियों का पिछला इतिहास देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि चीन में स्थिति ठीक नहीं है। इस बीच यह भी कहा जा रहा है की चीन में सिर्फ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ही नहीं बल्कि कई दूसरी बीमारियों के मामले भी सामने आए हैं।

वायरसों से धिरा हैं चीन

चीन में वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस बीमारी को लेकर अलर्ट पर है। इस बीच, WHO से जुड़ी एक एजेंसी से अपडेट मिला है कि चीन में 16-22 दिसंबर के दौरान ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले बढ़े हैं। लेकिन इस बीच वहां राइनोवायरस और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) के मामले भी दर्ज किए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी वायरस सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। इसके अलावा बच्चों में भी इनके मामले ज्यादा देखे जाते हैं। अब अगर WHO की मानें तो चीन पर एक से ज्यादा वायरस का खतरा मंडरा रहा है।

क्या है RSV इंफेक्शन?

रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) एक प्रकार का वायरस है जो सांस की बीमारी का कारण बनता है। यह वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। इस वायरस का सबसे आम लक्षण खांसी है, जो अक्सर बलगम के साथ होती है। लेकिन जैसे-जैसे ये वायरस बढ़ता है, उसी के साथ सांस लेने में परेशानी भी बढ़ जाती है। बता दें, RSV इंफेक्शन की शुरुआत तेज बुखार के साथ होती है।

क्या है राइनोवायरस?

चीन पर राइनो वायरस का खतरा भी मंडरा रहा है। इस वायरस का सबसे आम लक्षण सर्दी-जुकाम है। जिसके साथ इंफेक्शन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। बता दें, इस वायरस के मामले सर्दी के मौसम में ज्यादा सामने आते हैं।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?

ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी भी कहते है। यह इंसानों की सांस लेने की  प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। बता दें,  यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है।

इतना ही नहीं चीन में एचएमपीवी के अलावा कुछ और वायरस के भी फैलने की खबरें हैं। इनमें इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लासमा न्यूमोनिए और कोरोनावायरस के दोबारा फैलने से जुड़े दावे शामिल हैं। वहीं, एचएमपीवी वायरस, जिसके लक्षण कोरोनावायरस संक्रमण के जैसे ही हैं को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने निगरानी बढ़ा दी है।  

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