Himachal: 775 छात्रों को वितरित किए गए लैपटॉप, प्रदेश का शिक्षा ढांचा देशभर में श्रेष्ठ- शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर

Himachal: 775 छात्रों को वितरित किए गए लैपटॉप, प्रदेश का शिक्षा ढांचा देशभर में श्रेष्ठ- शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर

कुल्लू:  हिमाचल के शिक्षा और कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल एक पर्वतीय एंव कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य होने के बावजूद यहां का शिक्षा ढांचा देशभर में अव्वल है। महज 70 लाख की आबादी पर 16 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बच्चों को घर द्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात देशभर में श्रेष्ठ है। वह आज कुल्लू के अटल सदन में जिला के मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने समारोह में कुल्लू तथा मनाली विधानसभा क्षेत्रों के 775 मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित किये। गोविंद ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते रोज मण्डी से प्रदेश के लगभग 20 हजार मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरण का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में 19847 विद्यार्थी जुड़े। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है और अनेकों नये स्कूल खोले अथवा अपग्रेड किये हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक केवल एक विश्वविद्यालय था और अब मुख्यमंत्री ने दूसरा राज्य विश्वविद्यालय मण्डी में खोला है।

इसके अंतर्गत मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, बिलासपुर जिलों के 141 कालेज शामिल हैं। शिक्षा मंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले समय में आप समाज के विभिन्न क्षेत्रों को सुशोभित करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये समाज में सकारात्मक माहौल बनाना होगा। शिक्षा ऐसी हो जिसमें बच्चे ऊर्जावान, तेजस्वी और बुद्धिमान बनें। इससे समाज की हर समस्या का समाधान अपने-आप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को शांति का संदेश देता था, विश्व गुरु रहा है। लेकिन कभी अपनी शक्ति का दुरूपयोग नहीं किया।

भावी पीढ़ियां देश के पुराने वैभव को वापिस लाने का काम करेंगे और फिर से देश विश्व गुरू बनेगा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि देश में 2025 तक हुनर से काम करने वाले नौजवानों की संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंचे। इसके लिये व्यावसायिक शिक्षा पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में हाथ से काम करने वालों की आबादी काफी अधिक है। भारतवर्ष में 19 से 25 आयु वर्ग के केवल पांच फीसदी युवा कोई हुनर वाला काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसंधान पर विशेष बल दिया जाएगा।

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