Myths Vs Facts: क्या प्रेग्नेंसी में ज्यादा नमक खाने से बढ़ता है बीपी? जानें एक्सपर्ट की थ्योरी

Myths Vs Facts: क्या प्रेग्नेंसी में ज्यादा नमक खाने से बढ़ता है बीपी? जानें एक्सपर्ट की थ्योरी

Eating Too Much Salt in Pregnancy: डॉक्टर्स हमेशा प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह देते है। अक्सर प्रेग्नेंट महिलाओं को सलाह दी जाती है कि ये करना बच्चे की ग्रोथ के लिए अच्छा है, या इससे हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा डाइट में इन चीजों को शामिल करें, ऐसी लाइफस्टाइल रखें। मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहें इसके लिए ही महिलाओं को स्वस्थ आहार का सेवन और सेहत का ध्यान रखने को कहा जाता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं फल, हरी सब्जियां, दूध, पनीर, चिकन और उन सभी चीजों का सेवन करती हैं। जिसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन उन्हें नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने से मना किया जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार, नमक का ज्यादा सेवन करने से कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती है।

प्रेग्नेंसी में कितना नमक खाएं?

आयोडीन के कारण ही प्रेग्नेंसी में महिलाओं को साधारण सफेद नमक सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन ज्यादा नमक खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक सीमित मात्रा में नमक खाना चाहिए। प्रेग्नेंट महिलाओं को हर दिन 3.8 ग्राम नमक खाना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें भी साधारण नमक का ही सेवन करना चाहिए। 

प्रेग्नेंसी में नमक खाने के फायदे

  • सफेद नमक में मौजूद सोडियम प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में फ्लूइड बढ़ाने में मदद करता है।
  • फ्लूइड गर्भ में पलने वाले भ्रूण के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है।
  • नमक में मौजूद आयोडीन शिशु के नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क का विकास बेहतर करता है।
  • जिन महिलाओं को ब्लड प्रेशर, थायराइड और हार्ट संबंधी समस्याएं हैं, वह प्रेग्नेंसी के दौरान नमक का चुनाव करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रेग्नेंसी में ज्यादा नमक खाने के नुकसान

प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज़्यादा नमक खाने से प्रीक्लेम्पसिया, गर्भपात जैसी समस्याएं बढ़ सकती है। क्योंकि नमक शरीर में पानी को बनाए रखता है, जिससे हाई बीपी और सूजन हो सकती है। प्रीक्लेम्पसिया के कारण समय से पहले प्रसव, कम वजन का जन्म और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।  

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