
Health Tips: देश के ज्यादातर राज्यों में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है। मॉनसून की एंट्र के साथ ही बारिश के पानी और नमी के कारण वातावरण में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ऐसे में डेंगू का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। दिल्ली में 1 जनवरी से अभी तक 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में इस मौसम में डेंगू का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है। ज्यादातर लोग डेंगू बुखार और नॉर्मल फ्लू में कन्फ्यूज हो जाते हैं। लोग डेंगू को वायरल फ्लू समझ लेते हैं और डेंगू होने पर भी सामान्य बुखार की दवाएं ले लेते हैं जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है।
क्या होते हैं नार्मल फ्लू के लक्षण
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के साथ हुई खास बातचीत में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में सलाहकार-संक्रामक रोग डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा ने बताया कि , ‘मानसूनी बुखार आमतौर पर 5 से 7 दिनों तक रहता है। खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले लोग बुखार की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। इसके साथ ही इस स्थिति में उन्हें सर्दी, खांसी, गले में खराश या थकान जैसी समस्याएं भी घेर लेती हैं। लेकिन, सही दवा और आराम के बाद हफ्तेभर के अंदर ये लक्षण खुदबखुद कम होने लगते हैं।
कैसे करें बचाव
हाथ धोएं :नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर जब आप बाहर से घर आते हैं या किसी सार्वजनिक स्थान से संपर्क करते हैं।
संतुलित आहार लें :विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं, जैसे संतरा, नींबू, और अन्य ताजे फल और सब्जियाँ।
साफ-सफाई रखें :अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखें, खासकर उन सतहों को जिन्हें आप अक्सर छूते हैं।
क्या हैं डेंगू के लक्षण
डेंगू की स्थिति में बुखार काफी तेज होता है। ये आमतौर पर 104 एफ तक पहुंच जाता है। इसमें सिर और जोड़ों में तेज दर्द, उल्टी-मल्ती, ग्रंथियों में सूजन या शौच और उल्टी के साथ खून आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें आमतौर पर नाक बहना और पतला मल नहीं देखा जाता है। इसमें प्लेटलेट काउंट भी गिरने लगता है। डेंगू में 2 से 3 दिन बाद ही स्थिति और ज्यादा गंभीर हो जाती है।
कैसे करें बचाव
मच्छरों से बचें :मच्छरदानी का उपयोग करें और सोते समय इसे हमेशा इस्तेमाल करें।
पानी जमा न होने दें :घर के आस-पास पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।
पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें : दिन के समय पूरी आस्तीन के कपड़े और लंबी पैंट पहनें ताकि मच्छरों से बचा जा सके।
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