
Bird Flu: दुनिया के कई देशों में बर्ड फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ये बीमारी अमेरिका से लेकर यूरोप तक बढ़ रही है। अब इस बीमारी ने भारत में भी दस्तक दे दी है। पश्चिम बंगाल में एक 4 साल के बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई है। वहीं इससे पहले भारत में साल 2019 में एक बच्चे में ये वायरस मिला था हालांकि वो बच्चा इलाज के बाद ठीक हो गया था।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये बीमारी अपना शिकार बार बार बच्चों को ही क्यों बनाती है। बच्चों को ये बीमारी कैसे होती है ये समझने से पहले समझते हैं आखिर बर्ड फ्लू होता क्या है? दरअसल, बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक वायरल इन्फेक्शन है जो मुख्यतः पक्षियों को प्रभावित करता है लेकिन कुछ मामलों में यह इंसानों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। बर्ड फ्लू का कारण इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस होते हैं। इसके कई सबटाइप होते हैं, लेकिन सबसे आम और खतरनाक सबटाइप्स हैं H5N1 और H7N9।
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
एम्स में पीडियाट्रिक विभाग में डॉ. राकेश कुमार के अनुसार, बच्चों का इम्यून सिस्टम बर्ड फ्लू के वायरस का आसानी से मुकाबला नहीं कर पाता है। यही वजह से वह इसका जल्दी शिकार हो सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों का इम्यून सिस्टम बड़ों के मुकाबले कमजोर होता है। इसीलिए बच्चे जल्दी संक्रमित होते हैं। उनका बाहरी पर्यावरण और पक्षियों के संपर्क में रहने का भी रिस्क होता है। ऐसे में जिस भी इलाके में बर्ड फ्लू का केस आ वहां पर बच्चों के हेल्थ को लेकर ज्यादा जागरूक रहने की आवश्यकता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण:
खांसी: सूखी या बलगम वाली खांसी।
मांसपेशियों में दर्द।
थकान: अत्यधिक थकान महसूस करना।
पेट के लक्षण: कुछ मामलों में दस्त, उल्टी, पेट में दर्द।
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