हरियाणा सरकार ने रोडवेज के 8200 कर्मचारियों को दिया झटका, पक्के कर्मचारियों को फिर कच्चा करने में जुटी सरकार ।

हरियाणा सरकार ने रोडवेज के 8200 कर्मचारियों को दिया  झटका, पक्के कर्मचारियों को फिर कच्चा करने में जुटी सरकार ।

हरियाणा सरकार ने रोडवेज के 8 हजार दो सौ कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है। करीब 12 साल के संघर्ष के बाद नियमित किए गए रोडवेज के चालकों और परिचालकों को फिर से कच्चा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। दरअसल 2015 में इन कर्मचारियों को पक्का किया गया था लेकिन मनोहर सरकार ने 20 नवंबर को एक बार फिर इनके पैर पीछे खिंच लिए और इन्हे फिर से कच्चा कर दिया। नियुक्ति की तारीख से अब इन्हे पक्का नहीं माना जाएगा। हरियाणा राज्य परिवहन की तरफ से अब इन्हे सिर्फ नियमित वेतन दिया जाएगा इसके अलावा इन कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। 

परिवहन महानिदेशक डॉक्टर विकास गुप्ता ने सभी महाप्रबंधकों को आदेश जारी कए हैं कि इन चालक परिचालकों को ज्वाइंनिंग की तारीख से पक्का ना माना जाए। हालांकि इनको नियमत रूप से वेतन दिया जाएगा। सरकार की नियमित करने की नीतियो के तहत आवश्यक समय पूरा होने पर ही इन्हे रेगुलर किया जाए। इसी वजह से इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। 

दरअसल 2013 में हाईकोर्ट ने 8200 कर्मचारियों को पक्का करने के आदेश जारी किए थे। लेकिन सरकार ने पक्का ना मानते हुए इन्हे नियमित वेतन देना शुरू कर दिया था। 2014 में दो बार इसे लेकर राज्यव्यापी हड़ताल भी हुई। इसके बाद सरकार ने 2015 में इन्हे पक्का करने के निर्देश जारी कर दिए। सरकार ने नियुक्ति तारीख की बजाए इन्हे जनवरी 2014 से एरियर देने के आदेश जारी कर दिए। इसके विरोध में कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट चले गए। वहां से पहली अप्रेल 2013 से एरियर देने के निर्देश जारी किए गए। क्यों कि हाईकोर्ट ने इसी तारीख से इन्हे पक्का के आदेश दिए थे। 

अब सरकार के इस फैसले पर बगावत शुरू हो गई है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के नेता सरबत पूनिया, ऑल इंडिया वर्कर्स यूनियन ने सरकार के आदेशों को तुगलकी फरमान बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। कर्मचारी इसे जले पर नमक झिड़कने की परिभाषा दे रहे हैं। सरकार के फरमान और रोडवेज यूनियन के रूख से साफ है कि एक बार फिर टकराव हो सकता है। क्यों कि 12 साल बाद नियमित हुए कर्मचारी अब कहां जाएं। लेकिन इन सब के बीच जो पीसेगा वो है जनता।

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