Haryana Minister Statement: लोहारू में बनाए जाएंगे 3 मॉडल संस्कृति स्कूल, प्रदेश में बनेंगे 104 स्कूल- जेपी दलाल

Haryana Minister Statement: लोहारू में बनाए जाएंगे 3 मॉडल संस्कृति स्कूल,  प्रदेश में बनेंगे 104 स्कूल- जेपी दलाल

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शिक्षा को लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल का बड़ा बयान

प्रदेश में बनेंगे 104 मॉडल संस्कृति स्कूल

लोहारू में बनाए जाएंगे 3 मॉडल स्कूल

प्रदेश में ईमानदारी के साथ हो रहा है विकास

लोहारूहरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने शिक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है. जेपी दलाल ने कहा प्रदेश में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार किया जाएगा. शिक्षा में गुणात्मक सुधार भी लाया जाएगा. लोहारू में 3 मॉडल संस्कृति स्कूल खोले जाएंगे. प्रदेश में 104  मॉडल संस्कृति स्कूल बनाए जाएंगे. अभी हरियाणा में मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या 22है. सरकार इनको बढ़ाने की सोच रही है.

रविवार को कृषि मंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि स्कूलों में मजबूत इंस्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर उनमें सभी आवश्यक शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. सरकार पांच बिन्दुओं पर पूरी तन्मयता से कार्य कर रही है. जिसमें शिक्षा,सुरक्षा,स्वावलंबन,रोजगार और स्वाभिमान शामिल हैं. सामान्य परिवार के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है, इसलिए उनके लिए सरकार द्वारा इन स्कूलों में अनुभवी स्टाफ और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में परिवार पहचान पत्र का डाटा तैयार कर रही है. इसमें प्रदेश के सभी परिवारों की शैक्षणिक योग्यता, आमदनी सभी अन्य सामाजिक मूल्यांकन शामिल हैं. इसके अलावा प्रदेश में 5से 15साल की आयु के कितने बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, उनका रिकार्ड बनाकर उनकी शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा. सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए परिवार पहचान पत्र  कारगर सिद्ध होगा. प्रदेश सरकार वर्ष 2020को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मना रही है. सरकार प्रदेश में हर क्षेत्र से भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था कायम करना चाहती है.

कृषि मंत्री ने बातचीत में बताया कोविड-19महामारी पूरे विश्व के सामने नए चैलेंज लेकर आई है. धीरे-धीरे लोगों ने अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना शुरू कर दिया है. लोग मास्क लगा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं. सामाजिक कार्यों में अधिक भीड़ इकट्ठी नहीं कर रहे है. ऑनलाइन व्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी है. किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का विवरण दे रहे है.

 

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