
Literacy Rate In India: भारत का संविधान हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार देता है, लेकिन क्या हो जब बच्चे खुद ही स्कूल नहीं जाना चाहें? हाल ही में एक सरकारी सर्वे में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि देश में कई बच्चे खुद ही शिक्षा प्राप्त करने से मना करते हैं और इस कारण वे स्कूल नहीं जाते।
‘नेशनल सैंपल सर्वे’की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 2%बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कभी स्कूल नहीं देखा। खासकर केरल को छोड़कर, अन्य राज्यों में यह आंकड़ा चिंताजनक है। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल न जाने का मुख्य कारण आर्थिक तंगी नहीं, बल्कि बच्चों की अपनी इच्छा है। 24%बच्चों ने बताया कि वे स्कूल नहीं जाना चाहते, जबकि 17%बच्चों ने आर्थिक समस्याओं को स्कूल न जाने का कारण बताया। 21%बच्चों के माता-पिता ने उन्हें शिक्षा प्राप्त करने से मना किया, और 13%बच्चे बीमारी या विकलांगता के कारण स्कूल नहीं जा सके।
भारत की साक्षरता दर में गंभीर समस्याएं
2011की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 78करोड़ लोग साक्षर हैं, लेकिन इनमें से लगभग आधे यानी 40करोड़ लोग अपना नाम भी ठीक से नहीं लिख पाते। नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार, 15साल से ऊपर की केवल 81.6%जनसंख्या साधारण वाक्य पढ़ और लिख सकती है। इसका मतलब यह है कि 18%लोग आज भी रोजमर्रा की जिंदगी में एक साधारण वाक्य नहीं पढ़ पाते, जिनमें से 25%महिलाएं हैं।
गांवों में स्थिति और भी खराब
गांवों में साक्षरता की स्थिति और भी खराब है। यहां 22%लोग पढ़-लिख नहीं पाते, जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 10%के आसपास है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। कुल 14.89लाख स्कूलों में से 12.34लाख स्कूल गांवों में हैं।
सर्वे में यह भी सामने आया कि हर 10में से 2लोग साधारण जोड़-घटाना भी नहीं जानते। गणना में केवल 81.2%लोग सक्षम हैं, जिनमें से 25%महिलाएं हैं। यह आंकड़ा गांवों और शहरों में भिन्न है, जहां गांवों में रहने वाली 30%महिलाएं गणित के बुनियादी सवालों को हल नहीं कर पातीं।
साइंस और टेक्नोलॉजी में रुचि की कमी
सर्वे के अनुसार, भारतीय युवा साइंस और टेक्नोलॉजी में पढ़ाई करने से कतराते हैं। 21साल से अधिक आयु के केवल 34%लोग ही इन क्षेत्रों में ग्रेजुएशन कर पाए हैं। महिलाओं की संख्या इस क्षेत्र में पुरुषों से कम है। 29%महिलाएं और 37%पुरुष साइंस या टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट हैं।
युवाओं के लिए निराशाजनक आंकड़े
भारत में 25%से अधिक युवा न तो पढ़ाई कर रहे हैं, न नौकरी कर रहे हैं, और न ही किसी ट्रेनिंग में शामिल हैं। इनमें से 44%महिलाएं हैं। इसके अलावा, 43%लोग ऐसे हैं जिन्होंने पिछले तीन महीनों में इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं किया, जबकि इंटरनेट की पहुंच अब अधिकांश लोगों तक होनी चाहिए।
यह सर्वे एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की गंभीर आवश्यकता को उजागर करता है। भारत में साक्षरता की स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे और समाज को बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूक करने की दिशा में काम करना होगा।
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